धार। ‘हिट एंड रन’ कानून के विरोध में वाहन चालकों ने सोमवार सुबह से हड़ताल शुरू कर दी थी। इससे बस स्टैंड से यात्री बसें रवाना नही हो पाईं। ट्रक, डंपरों के पहिए भी थम गए हैं। यात्री बस स्टैंड आने के बाद परेशान होकर अपने घर वापस जाने के लिए विवश हो रहे थे। कई लोग इंदौर में फस गए तो कई अपना सामान लिए खड़े रहे। ड्रायवर यूनियन के सदस्यों ने काला कानून वापस लेने की मांग भी की है।
सरकार द्वारा कानून में किए गए संशोधन के तहत सड़क हादसे के बाद मौके से भागने वाले चालक को 10 साल की सजा और 8 लाख रुपये के जुर्माने का प्रविधान किया जा रहा है। एक्सीडेंट की घटना ड्रायवर कभी भी जानबूझकर नहीं करते हैं। वाहन चालक के विरूद्ध एक्सीडेन्ट करने पर कानून मे किये जा रहे संशोधन को निरस्त किया जाए। दुर्घटना के बाद चालक मौके से नहीं भागे तो जमा हुई भीड़ मारपीट करने के साथ कई बार जान तक ले लेती है।
वहीं दूसरी ओर सरकार द्वारा जो जुर्माना और सजा का प्राविधान किया है उसमे गरीब ड्राइवर कहां से राशि जमा भरेंगे और दस साल की सजा होने पर परिवार का भरण पोषण कैसे होगा। ड्राइवर यूनियन ने सामूहिक रूप से नए कानून में संशोधन करने की मांग की है।
हड़ताल के कारन फैली अराजकता
पेट्रोल पम्पो पर लगी भारी भीड़, दरअसल आम जनता में यह बात फ़ैल गई की अब दो चार दिन पेट्रोल डीजल पंप बंद रहेंगे। जिससे लोगो ने अपने वाहनों में ईंधन डलवाने का क्रम जारी किया। कई वाहन पंप पर एक साथ आने से आम जनता को भारी भीड़ और जाम का सामना करना पड़ा।
पुलिस लगी रही भर
इधर पुलिस ने अपना मोर्चा संभाले रखा। पुलिस कर्मी दिन भर अपनी ड्यूटी पर तैनात रहे। यातायात थाना प्रभारी रोहित निकम भी अपने दल बल के साथ मैदान में डटे रहे।
संबंधित पोस्ट (Related Posts)
मतदान केंद्र के बाहर मतदान के लिए बड़ी संख्या में इंतजार करते महिला पुरुष
निर्वाचन कार्य में संलग्न BEO का दुखद निधन
निर्वाचन ड्यूटी के बावजूद भी मतदान में अग्रणी रहे पुलिस अधिकारी