भ्रष्टाचार के मामले मे (डिप्टी कलेक्टर) सहित उसकी पत्नी, पुत्रियॉ, दामाद, समधन की 1 करोड 28 लाख की चल- अचल संपत्ति अधिहरण किये जाने का माननीय न्यायालय ने दिया आदेश।
इंदौर। जिला अभियोजन अधिकारी श्री संजीव श्रीवास्तव, ने बताया कि दिनांक 30/12/2023 को माननीय न्यायालय- श्री गंगाचरण दुबे, मध्ययप्रदेश विशेष न्यायालय अधिनियम 2011 के तहत गठित विशेष न्याायालय, इंदौर ने विशेष सत्र प्रकरण क्रमांक 20/2017 में आदेश पारित करते हुए प्रभावित व्यक्तिगण हुकुमचंद सोनी पिता केसरीमल सोनी उम्र 64 वर्ष तत्कािलीन डिप्टी् कलेक्टटर शाजापुर निवासी 674 वैशाली नगर मंगल कालोनी उज्जैन (वर्तमान में मृत), प्रभावित व्यक्ति पत्नी श्रीमती सुषमा एवं पुत्रियॉ अंजली, सोनालिका, प्रीती, सरिता, प्रमिला (मृत) , एवं रेखा वर्मा पति भरतकुमार वर्मा सोनालिका की सास, अजय वर्मा दामाद हुकुमचंद सोनी की चल-अचल संपत्तिया एवं बीमा पॉलिसियो से उक्त राशि वसुली हेतु कलेक्टंर उज्जैन के समक्ष प्रस्तुंत करने का आदेश दिया गया है।
प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी जिला अभियोजन अधिकारी के निर्देशन में विशेष लोक अभियोजक डॉ श्रीमती पदमा जैन द्वारा की गई ।
नोट – माननीय न्यायालय द्वारा विशेष रूप से टिप्पणी करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार समाज व परिवार के लिए खतरनाक है तथा भ्रष्ट आचरण प्रभावित व्यक्ति के जीवन पर्यंत एवं मृत्यु उपरांत भी उसके कार्यो से दिखाई देता है। ऐसा कृत्य निंदनीय होकर उदारता के योग्य नही होता है। जैसे मछली पानी मे रहते हुए कब पानी पीती है या नही पीती है इसका अंदाजा नही लगाया जा सकता उसी प्रकार सरकारी सेवक सेवा के दौरान कब अपने पद का दुरूपयोग कर सकता है या नही इसका अंदाजा लगाना भी कठिन होता है।
अभियोजन का मामला इस प्रकार है कि लोकायुक्त संगठन उज्जैन की ओर से अनावेदक के विरूद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया जो कि विचारणीय है एवं अनावेदक द्वारा अर्जित असमानुपातिक संपत्ति 1 करोड 77 लाख 55 हजार 751 रूपये मध्यपप्रदेश शासन के पक्ष मे अधिहरण किये जाने हेतु एक आवेदन पत्र धारा 13(1) मध्यनप्रदेश विशेष न्याकयालय अधिनियम 2011 के तहत प्रस्तु्त किया। लोकायुक्त कार्यालय मुख्यालय भोपाल को हुकुमचंद सोनी के विरूद्ध शिकायत प्राप्त हुई जिसे दिनांक 27/06/2011 को विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्ता उज्जैन को सत्यापन हेतु प्राप्त हुई।डीएसपी ओ.पी. सागोरिया द्वारा शिकायत का गोपनीय सत्यापन कराए जाने पर सही पाई गई। जिसमे प्रभावित अनावेदक व्यक्ति क्रं 1 हुकुमचंद द्वारा अपने अधिकारो का अवैध लाभ अर्जित कर स्वयं की पत्नी एवं पुत्रियों के नाम पर मकान, प्लाट, वाहन आदि खरीदकर लगातार भ्रष्टारचार करना तथा आय के ज्ञात स्त्रोतो से अधिक संपत्ति एकत्र करना सही पाया गया। सूचना मुख्यालय भोपाल भेजकर माननीय विशेष न्यायालय शाजापुर से दिनांक 20/07/2011 को सर्च वारंट प्राप्त कर छापा डाला गया एवं सूत्र सूचना प्रतिवेदन के आधार पर प्रभावित व्यक्ति के विरूद्ध अपराध क्रं 81/2011 थाना विशेष पुलिस स्थापना म.प्र. भोपाल मे धारा 13(1)(ई) एवं धारा 13(2) भ्रष्टारचार निवारण अधिनियम 1988 के अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया। जॉच की अवधि 01/01/2002 से दिनांक 21/07/2011 तक को लिया गया।
आरोपी हुकुमचंद सोनी के प्रथम नियुक्ति निम्नय श्रेणी लिपिक के रूप में दिनांक 19.11.1975 को तराना मे हुई सेवा आरंभ की दिनांक से सेवा निवृत्ति दिनांक तक जिला उज्जैन के राजस्वि विभाग मे विभिन्न स्थांनो पर पदस्थ रहा। विभागीय परीक्षा उत्तीार्ण करने के उपरांत नायब तहसीलदार, तहसीलदार एवं डिप्टी कलेक्टर के पद पर पदोन्नति हुई। इस अवधि के दौरान ज्ञात एवं वैध आय से असमानुपातिक संपत्ति (356.96 प्रतिशत) अधिक पाई गई तथा विपुस्था उज्जैन द्वारा विवेचना पूर्ण कर अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष विचारण हेतु प्रस्तुत किया।
अभियोजन द्वारा आवेदन कर निवेदन किया गया कि प्रभावित व्यक्तिगण द्वारा अर्जित असमानुपातिक संपत्ति 1 करोड 77 लाख 55 हजार 751 रूपये की चल- अचल संपत्ति मध्य प्रदेश शासन के पक्ष मे अधिहरण की जाए। माननीय न्यातयालय द्वारा अभियोजन द्वारा प्रस्तुक साक्ष्य पर विश्वास कर अधिहरण का आदेश पारित किया गया।
संपादक- श्री कमल गिरी गोस्वामी
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