धार। (सुनील यादव – प्रधान सम्पादक) जहां एक और मध्य प्रदेश सरकार द्वारा संपूर्ण मध्य प्रदेश में अहाते पर रोक लगा रखी है, वहीं धार जिले में यह अहाते अवैध रूप से होटल में तब्दील हो गए हैं। इसका ताजा उदाहरण धार शहर में संचालित होने वाली शुद्ध शाकाहारी होटल है, जिनमे खुलेआम देर रात तक शराब का जाजम सजता है।
धार शहर सहित जिला अवैध शराब व्यापार का अवैध अड्डा बनते जा रहा है, यहां पर ना कोई आबकारी नियम और ना ही आबकारी विभाग की कोई लगाम दिखाई देती है। आबकारी विभाग मात्र खानापूर्ति करते हुए आदिवासी बाहुल्य जिले का फायदा उठाकर सिर्फ आदिवासियों पर कच्ची मदिरा शराब पकड़ने का प्रकरण बनाकर अपने कर्मों की इतिश्री कर लेता है।
इतना ही नहीं थाना प्रभारी भी या यूं कहे कि पुलिस भी ईश ओर ध्यान नहीं देती, ध्यान दे भी क्यों इन शराब व्यापारियों से तगड़ा मुनाफा कहीं ना कहीं पुलिस की जेब तक भी पहुंचता है।
बात अगर धार शहर की, कि जाए तो धार शहर में एक भी बार लाइसेंस (FL-3) नहीं है, बावजूद इसके सभी होटलों पर खुलेआम देर रात तक शराब परोसी जाती है।
शहर एवं शहर के आसपास की होटल पर या यूं कहे की राजमार्ग एवं राष्ट्रीय राजमार्ग पर बने होटलो पर बेखोफ धडल्ले से अवैध शराब परोसी जा रही है, इस अवैध शराब को होटल संचालक डायरी का नाम देकर वेद बताते हैं।
बात यही नहीं रुकती यह लोग खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं, मार्केट में बिकने वाले या फिर यूं कहें कि अधिकतम बिक्री मूल्य अंकित सामग्री को भी डैडे दुगने दामों पर बेचते हैं। बात अगर एक सोड़ा बॉटल की की जाए तो उस पर ₹20 अंकित होते हैं यह होटल वाले ₹30 या ₹40 तक उसकी बिक्री करते हैं।
वहीं अगर बात शराब बोतलों की की जाए तो जिन शराब बोतलों पर अधिकतम बिक्री मूल्य 140 रुपए अंकित होता है उन बोतलों को यह लोग 150, 160 या ₹180 में बेचते हैं। इस प्रकार यह सभी नियमों को ताक पर रखकर शराब बिक्री का धंधा कर रहे हैं।
क्या कहते जिम्मेदार —
इस संबंध में जब हमारे संवाददाता ने आबकारी सहायक आयुक्त विश्वदीपसिंह सांगर से फोन पर चर्चा करना चाहि तब उन्होंने कॉल उठाना उचित नहीं समझा।
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