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गरीब आदिवासियों की नहीं सुनती पुलिस, करती है बदसलूकी

धार। जहां एक और जिला पुलिस अधीक्षक व पुलिस उपमहानिरीक्षक मनोज कुमार सिंह धार जिले के आदिवासी भाइयों को चोरी चकारी से दूर करने के लिए लगातार प्रयासरत हैं वह कई प्रयास कर रहे हैं। आदिवासी बाहुल्य इलाके में जाकर जिला पुलिस अधीक्षक महोदय आदिवासी भाइयों के साथ खाटला बैठक करते हुए उन्हें मुख्य धारा से जोड़ने के लिए प्रयासरत हैं, वहीं जिले के कई पुलिसकर्मी उनकी इन कामयाबीयों एवं इनके सराहनीय कार्यो को पलीता लगाने से पीछे नहीं हठ रहे हैं।

ऐसा ही एक मामला धार जिले की पीथमपुर थाना क्षेत्र का है जहां पर एक आदिवासी बालक जो की पीथमपुर में नौकरी के लिए गया था, जो प्राइवेट नौकरी कर रहा था। वह एक जगह किराए के कमरे में रह रहा था। उस व्यक्ति से वहां के सहायक उप निरीक्षक ने कुछ पैसे लिए व मकान मालिक से सठघाट करते हुए उस आदिवासी बालक को डरा धमका कर भगा दिया गया।

इस प्रकार से अगर पुलिस ही भक्षक बन जाए तो इन आदिवासी भाइयों को जो पुलिस अधीक्षक महोदय सुधारने का कार्य कर रहे हैं या लोग पुनः अपने क्षेत्र में जाकर चोरी चकारी और लूट जैसे कार्य ही करेंगे। क्योंकि इनके अंदर एक भय बैठ जाएगा कि अपन नौकरी करने जाते हैं तो पुलिस वाले वहां से मार कूट कर पैसे लेकर भगा देते हैं।

आपको बता दें कि कुछ दिन पूर्व घटित एक मामले में शिकायतकर्ता द्वारा जिला पुलिस अधीक्षक धार के समक्ष प्रस्तुत होकर एक शिकायती आवेदन दिया गया था, जिसमें बताया गया कि पीथमपुर थाना क्षेत्र में पदस्थ पुलिस अधिकारी अनिल सांखला के द्वारा अभद्र व्यवहार कर पीड़ित को अपशब्दों के सहित कई प्रकार से अपमानित किया था, साथ ही उससे कुछ पैसे भी लिए गए और उसके द्वारा शिकायत किए जाने के बावजूद उसके मूल दस्तावेज मार्कशीट आधार कार्ड वगैरह नहीं दिलवाए गए।

संपादक- श्री कमल गिरी गोस्वामी

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