अस्पताल संचालक सहित अस्पताल पर लगाए कई गंभीर आरोप डॉक्टरों की डिग्री सहित चिकित्सालय की अनुमति पर प्रश्नवाचक चिन्ह ??
धार। शहर के मांडव नाका स्थित केएसएस हॉस्पिटल पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाते हुए परिजनों ने गुरुवार सुबह से लेकर देर शाम तक जमकर हंगामा किया।
आपको बता दे की डिलीवरी के लिए भर्ती कराई गई महिला की मौत के पबाद परिजनों ने शव अस्पताल के बाहर रखकर धरना प्रदर्शन किया और बड़े आंदोलन की चेतावनी भी दी।
भर्ती से लेकर मौत तक का घटनाक्रम इस प्रकार —
मृतक पिंकी पति सुरेश निवासी बिलोदा ग्राम पोस्ट नालछा, को 25 सितंबर को डिलीवरी के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 27 सितंबर को डॉक्टर गरिमा अश्क जो की रजिस्टर्ड स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं और उक्त अस्पताल के पंजीयन में भी रजिस्टर्ड हैं। उनके द्वारा महिला का उपचार किया गया था। उपचार के बाद महिला की स्थिति ठीक बताई गई थी। 1 अक्टूबर के दिन परिजनों के कहने पर महिला कीअस्पताल से छुट्टी कर दी गई थी। महिला चिकित्सालय से स्वयं पैदल चलकर वाहन में बैठकर घर पहुंची।
एक अक्टूबर को दोपहर में महिला का स्वास्थ्य ठीक होने एवं परिजनों के कहने पर अस्पताल प्रबंधन ने महिला को छुट्टी दे दी थी। परिजन महिला को घर लेकर गए और वह आराम फरमा रही थी, तभी अचानक देर शाम करीब 9 से 10 बजे के बीच महिला की अचानक हालत बिगड़ गई और घबराहट के बीच उसकी मौत हो गई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार महिला को अचानक घबराहट हुई और उसके बाद जब महिला को चिकित्सालय लाया जा रहा था तब रास्ते में ही महिला की मौत हो गई।
परिजनों के द्वारा अस्पताल पर लगाए गए आरोप —
1. मृतीका के परिवारजनों ने अस्पताल और डॉक्टरों पर कई गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना है कि—
2. भर्ती के दिन से लेकर मृत्यु तक महिला का सही उपचार नहीं किया गया।
3. मल-मूत्र व शौच संबंधी प्रक्रियाएं तक ठीक से नहीं करवाई गईं।
4. डॉक्टर की डिग्री और अस्पताल की अनुमति पर भी सवालिया निशान खड़े कर दिए।
5. परिजनों ने आरोप लगाया कि डॉक्टर और अस्पताल की घोर लापरवाही ने महिला की जान ली है।
शव रखकर प्रदर्शन, शासन प्रशासन के अधिकारियों का हस्तक्षेप —
गुस्साए परिजनों ने शव अस्पताल के बाहर रखकर काफी समय तक धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शन की सूचना मिलते ही तहसीलदार, कोतवाली थाना प्रभारी समीर पाटीदार सहित मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने पहले मृतीका का पोस्टमार्टम कराने का आश्वासन दिया और कहा कि रिपोर्ट आने के बाद निष्पक्ष जांच की जाएगी।
सीएमएचओ ने स्पष्ट किया कि—
डॉक्टर की डिग्री, अस्पताल की अनुमति और मशीनों सहित उपकरणों की जांच की जाएगी।डॉक्टरों की टीम गठित कर संपूर्ण मामले की रिपोर्ट बनाई जाएगी।रिपोर्ट के आधार पर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अस्पताल की कार्यप्रणाली पर उठते सवाल —
इस पूरे घटनाक्रम ने केएसएस अस्पताल की कार्यप्रणाली और डॉक्टरों की योग्यता पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। आखिर हालत ठीक न होने के बावजूद महिला को छुट्टी क्यों दी गई? क्या अस्पताल ने जानबूझकर लापरवाही की? और क्या डॉक्टर की डिग्री और अस्पताल की अनुमति वास्तव में वैध है? या नही यह जांच का विषय है। हालांकि उक्त ऑपरेशन में जिस स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर का नाम आ रहा है वह अनुभवी एवं रजिस्टर्ड डॉक्टर हैं जिनका नाम चिकित्सालय के पंजीयन में भी उपलब्ध हैं।
क्या कहना है चिकित्सालय संचालक का —
अस्पताल संचालक धर्मेंद्र कुशवाहा का कहना है की हमारे हॉस्पिटल में पूर्ण रूप से सन्तोष जनक इलाज किया गया था। महिला स्वस्थ होकर अपने घर गई थी, जिस गाड़ी से महिला को घर छोड़ गया था, महिला के परिजनों द्वारा उसी गाड़ी को रात में तबीयत बिगड़ने पर फोन कर बुलाया गया था। गाड़ी पहुंचकर महिला को पुनः हॉस्पिटल मैं भर्ती हेतु अस्पताल पहुंचते समय रास्ते में मौत हो गई।
क्या कहते है जिम्मेदार —
मामला गंभीर होने की वजह से पांच डॉक्टरों की पैनल के द्वारा जिला चिकित्सालय में शव परीक्षण करवाया गया है, शव परीक्षण की रिपोर्ट आने के पश्चात नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। राकेश कुमार शिंदे, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला धार।
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