बच्चे को पीटा, डिक्की में डाला…5 घंटे तक लॉकअप में किया बंद, कटनी में DSP-तहसीलदार विवाद में बाल अधिकारों का हनन।
कटनी। कटनी में डीएसपी-तहसीलदार विवाद में 8 साल के बच्चे को थाने में बंद करने का मामला, अब राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग तक पहुंच गया है। तहसीलदार शैलेंद्र बिहारी शर्मा के अधिवक्ता ने आयोग को शिकायत भेजी है कि पुलिस ने उनके आठ साल के बेटे को बिना किसी अपराध के लॉकअप में रखा, जिससे उसके बाल अधिकारों का उल्लंघन हुआ।
कटनी में डीएसपी-तहसीलदार विवाद —
यह विवाद डीएसपी ख्याति मिश्रा और उनके पति तहसीलदार शर्मा के बीच चल रहे आपसी मतभेद से जुड़ा है। शिकायत में कहा गया है कि 31 मई को जब तहसीलदार का बेटा अपने नाना के साथ मऊगंज से कटनी आया, तब सीएसपी आवास में परिवार के सदस्यों के साथ मारपीट की गई। आरोप है कि यह सब तत्कालीन एसपी अभिजीत रंजन के इशारे पर किया गया।
बच्चे को 5 घंटे तक लॉकअप में बंद रखा —
तहसीलदार की ओर से आरोप लगाया गया है कि पुलिसकर्मियों ने न केवल परिजनों को मारा, बल्कि आठ साल के बच्चे को भी पीटा और उसे गाड़ी की डिक्की में डालकर थाने ले गए। बच्चे को करीब 5 घंटे तक लॉकअप में रखा गया, उस दौरान उसके माता-पिता भी मौजूद नहीं थे। यह सब बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य और अधिकारों के लिए हानिकारक बताया गया है।
घटना में शामिल लोगों पर सख्त कार्रवाई की मांग —
शिकायत में यह भी कहा गया है कि एसडीओपी प्रभात शुक्ला, कोतवाली थाना प्रभारी अजय सिंह और महिला थाना प्रभारी मंजू शर्मा इस घटना में शामिल थे। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई है। साथ ही तत्कालीन एसपी रंजन और एएसपी डॉ. संतोष डेहरिया पर भी कार्रवाई की अपील की गई है।
डीएसपी-तहसीलदार विवाद की बड़ी वजह —
तहसीलदार का कहना है कि पत्नी डीएसपी होने की वजह से उन्हें मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है और अलग करने की साजिश की जा रही है। दूसरी ओर, डीएसपी ख्याति मिश्रा का कहना है कि उनके पति उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि वह उनसे ऊंचे पद पर हैं। घटना के बाद मुख्यमंत्री ने तत्कालीन एसपी रंजन को हटाकर मामला डीआईजी जबलपुर को सौंप दिया है। डीआईजी ने पीड़ित परिवार के बयान दर्ज कर लिए हैं और रिपोर्ट मुख्यालय भेज दी है।
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