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245 शासकीय लोगों पर हुई कार्रवाई निलंबन और विभागीय जाँच के साथ वसूली भी

राहत राशि वितरण में गड़बड़ी करने वालों के विरूद्ध निरंतर हो रही है कार्रवाई।

भोपाल जनसम्पर्क। राज्य शासन द्वारा वर्ष 2018 से 2022-23 तक प्रदेश में बाढ़, अतिवृष्टि, सूखा एवं कीट प्रकोप इत्यादि आपदाओं में राहत राशि के स्वीकृत प्रकरणों में भुगतान की कार्यवाही का पर्यवेक्षण एवं समीक्षा निरंतर की जा रही है। राशि भुगतान में गड़बड़ी करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की गई है। अब तक 20 पर एफआईआर दर्ज हुई है और 11 को निलंबित किया जा चुका है, 11 के विरूद्ध दण्डादेश पारित हुए हैं, इस प्रकार 245 शासकीय लोगों के विरूद्ध कार्रवाई कर 4 करोड़ 34 लाख रूपये की वसूली की जाकर सरकारी खजाने में राशि जमा कराई गई। श्योपुर में गड़बड़ी करने वालों के बैंक खाते होल्ड कर दिये गये हैं। साथ ही उनकी सम्पत्ति विक्रय कर राशि वसूली की कार्यवाही भी की जायेगी।

शासन द्वारा नियमित रूप से कार्रवाई कर अमानत में खयानत करने वाले 32 लोगों को निलंबित किया गया है। इनमें तहसीलदार, पटवारी, नायब, नाजिर एवं लिपिक शामिल है। सिवनी, सीहोर, शिवपुरी, भिण्ड एवं इंदौर में 20 लोगों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज की गई है। विभिन्न पदों पर कार्य करते हुए गड़बड़ी करने के 131 प्रकरणों में अभियोजन स्वीकृति जारी की गई है।

11 तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार के विरूद्ध लोकायुक्त में आपराधिक प्रकरण दर्ज किये गये हैं। साथ ही 29 अधिकारियों के विरूद्ध विभागीय जाँच प्रचलित है और 11 प्रकरणों में दण्डादेश पारित किया गया है। राजस्व विभाग में कार्य करने वाले गिरदावरों के विरूद्ध 35 आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कर विभागीय जाँच की जा रही है, 11 को निलंबित भी किया गया है एवं 35 के विरूद्ध विभागीय जाँच चल रही है।

शासन द्वारा नियमित रूप से कार्रवाई कर जिलों में राहत राशि में गड़बड़ी करने वालों से वसूली भी की जा रही है। देवास में 1 करोड़ 24 लाख 15 हजार रूपये, छतरपुर में 34 लाख 47 हजार 693 रूपये, खण्डवा में 11 लाख 61 हजार 619 रूपये, मंदसौर में 64 लाख 54 हजार 524 रूपये, रायसेन में 69 लाख 17 हजार 696 रूपये, सतना में 20 लाख 71 हजार 214 रूपये की वसूली की गई है। विदिशा में 40 लाख 19 हजार 796 रूपये एवं श्योपुर में 11 लाख 5 हजार 674 रूपये की वसूली की जा रही है। भिण्ड में 97 लाख 96 हजार रूपये की वसूली की जाकर 33 लाख रूपये की राशि पात्र किसानों को वापस की गई है।

प्रधान संपादक- कमलगिरी गोस्वामी

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