मध्य प्रदेश की विधानसभा में 230 सीटें हैं। प्रदेश में सरकार चलाने के लिए किसी पार्टी को 116 सीटें जीतनी होती हैं या इतनी सीटों का उसे समर्थन चाहिए होता है।
भोपाल। मध्य प्रदेश में इस साल के अंत तक विधानसभा के चुनाव होने हैं। राजनीतिक दल इस चुनाव की तैयारियों में जी जान से जुटे हैं। बीजेपी (BJP) जहां अपनी सरकार बचाने के लिए चुनाव मैदान में उतरेगी, वहीं कांग्रेस उसे सत्ता से हटाने के लिए जी तोड़ कोशिश कर रही है।
मध्य प्रदेश की लड़ाई
मध्य प्रदेश की विधानसभा में 230 सीटें हैं। प्रदेश में सरकार चलाने के लिए किसी पार्टी को 116 सीटें जीतनी होती हैं या इतनी सीटों का उसे समर्थन चाहिए होता है। बात अगर पिछले विधानसभा चुनाव साल 2018 के चुनाव की करे तो उस समय कांग्रेस ने 114 और बीजेजी ने 109 सीटें जीती थीं। कांग्रेस ने अन्य पार्टियों के विधायकों का समर्थन लेकर अपनी सरकार बनाई थी।
14 महीने के बाद 28 विधायकों के बगावती स्तीफे के बाद फिर 28 सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा ने धमाके दार जीत दर्ज करते हुए 19 सीटों पर अपना कब्जा जमाया था। ज्यादातर सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवारों को करारी हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस के खाते में महज 9 सीटें ही आईं थी। उपचुनाव में जीत हासिल करने के लिए कांग्रेस ने कर्जमाफी के साथ राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए विधायकों की सौदेबाजी को मुख्य मुद्दा बनाया था, लेकिन जनता को यह पसंद नहीं आया।
मध्य प्रदेश के सीएम पद के लिए एक सर्वे के अनुसार जनता से उनके पसंद के नेता को लेकर सवाल किया गया था। उन्हें सीएम शिवराज सिंह चौहान, पूर्व सीएम कमलनाथ, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का विकल्प रखा गया था।
इस सवाल के जवाब में 37% लोगों ने सीएम पद के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अपनी पसंद बताया। वहीं 36% लोगों ने इस पद के लिए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को अपनी पसंद बताया। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को केवल 12% लोगों ने ही सीएम पद पर अपना पसंदीदा नेता बताया। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को केवल एक प्रतिशत लोग ही मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं। अन्य नेताओं के पक्ष में 14%लोगों ने राय दी।
उक्त सर्वे के मुताबिक मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में बीजेपी 45% वोटों के साथ 119 से 129 के बीच सीटें जीत सकती है। कांग्रेस को 39% वोटों के साथ 94 से 104 के बीच सीटें मिल सकती हैं। राज्य के दूसरे दलों और निर्दलियों को 16% वोट के साथ चार से नौ सीटें मिलने का अनुमान इस सर्वे में लगाया गया है।
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