madhyabharatlive

Sach Ke Sath

पूछताछ में खुलेंगे कई राज।

ग्वालियर। (जगदीश परमार) लेडी कॉन्स्टेबल आकांक्षा निखर जबलपुर और शहाना खातून पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद की रहने वाली हैं। बीएसएफ ने बिलौआ थाने में उनकी गुमशुदगी दर्ज कराई थी। अब आखिरकार 36 दिन बाद BSF की लापता लेडी कॉन्स्टेबल पश्चिम बंगाल में मिल गई हैं।

ग्वालियर बॉर्डर सिक्युरिटी फोर्स (BSF) अकादमी से लापता हुईं बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) की दो लेडी कॉन्स्टेबल आखिर 36 दिन बाद मिल गई है। कॉन्स्टेबल शहाना खातून और आकांक्षा निखर रहस्यमयी तरीके से लापता हुई थी। आकांक्षा की मां ने अपहरण का आरोप लगाया था। तब से बीएसएफ, ग्वालियर पुलिस और खुफिया एजेंसियां लगातार दोनों की तलाश में थी। अब दोनों कॉन्स्टेबल पश्चिम बंगाल में मिल गई हैं।

6 जून को अचानक हुई थी लापता

कॉन्स्टेबल शहाना खातून और आकांक्षा निखर 6 जून को अचानक रहस्यमय तरीके से बीएसएफ अकादमी से लापता हो गई थीं। बीएसएफ अकादमी की तरफ से बिलौआ थाने में दोनों की गुमशुदगी दर्ज कराई गई थी। तब से दोनों की तलाश जारी थी।

शहाना पर आकांक्षा के अपहरण की एफआईआर

इस मामले में पुलिस थाने में शहाना पर आकांक्षा के अपहरण की एफआईआर दर्ज की गई थी। बीएसएफ की महिला कांस्टेबल आकांक्षा की मां उर्मिला निखार 2 जुलाई को ग्वालियर SP ऑफिस पहुंची थी यहां उन्होंने बंगाल निवासी बीएसएफ महिला कांस्टेबल शहाना खातून पर अपनी बेटी को गायब करने का आरोप लगाया था। उर्मिला निखार ने बताया था कि उसकी बेटी बीएसएफ में 2021 से तैनात है। 2023 में बंगाल के मुर्शीदाबाद की शहाना खातून से उसकी पहचान हुई। बता दें, दोनों टेकनपुर बीएसएफ अकादमी में अच्छी दोस्त बन गई थीं।

शहाना के परिजनों को भी बनाया था आरोपी

उर्मिला ने बताया था कि वह 13 जून को अपने बेटे को लेकर मुर्शिदाबाद पहुंची, 14 जून को शहाना के परिवार वालों के पास पहुंचकर अपनी बेटी आकांशा से मिलने की गुजारिश की, लेकिन उन लोगों ने कुछ भी नहीं बताया था। शहाना की बहन सहित अन्य परिजनों को आरोपी बनाया गया था। वहीं 6 जुलाई की सुबह एक टीम पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद रवाना हुई थी। दोनों ट्रेनर की आखिरी लोकेशन मुर्शिदाबाद के बहरामपुर में मिली थी।

मोबाइल से डाटा किया डिलीट

जानकारी के मुताबिक, महिला कांस्टेबल अपने मोबाइल का डाटा डिलीट कर हॉस्टल में छोड़ गई थी। दोनों प्रशिक्षकों की आखिरी लोकेशन पश्चिम बंगाल के बहरामपुर स्थित बीकन अस्पताल के पास की मिली थी। वह बात करने के लिए कई नंबर उपयोग कर रहीं थी
आखिरी बार दोनों लेडी कॉन्स्टेबल को 6 जून 2024 को देखा गया था। लेडी कॉन्स्टेबल आकांक्षा निखर जबलपुर और शहाना खातून पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद की रहने वाली हैं।

संपादक- श्री कमल गिरी गोस्वामी

Discover more from madhyabharatlive

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading