माननीय उच्च न्यायालय इंदौर ने भारतीय पुरातत्व विभाग को माँ सरस्वती मंदिर, भोजशाला के वैज्ञानिक सर्वेक्षण के आदेश दिए। जिसको लेकर हिन्दू समाज की बड़ी जीत माना जा रहा है।
इंदौर। हाईकोर्ट ने सोमवार को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के डायरेक्टर को वैज्ञानिक सर्वे कराने के आदेश दे दिए। 6 सप्ताह में टीम को रिपोर्ट सौंपनी होगी। इसके लिए पांच एक्सपर्ट्स की कमेटी बनेगी। पूरे सर्वे की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कराई जाएगी।
आपको बता दें कि हाई कोर्ट ने इस वैज्ञानिक सर्वे को GPR-GPS तरीके से करने के लिए कहा है। GPR यानी ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार जमीन के अंदर विभिन्न स्तरों की हकीकत जांचने की तकनीक है। इसमें रडार का उपयोग होता है। यह अदृश्य यानी छुपी वस्तुओं को विभिन्न स्तर, रेखाओं और संरचनाओं का माप लेता है। इसी तरह GPS सर्वे यानी ग्लोबल पॉजिशनिंग सिस्टम के तहत भी सर्वे किया जाएगा।
यह है याचिका के बिंदू, सर्वे की मांग को कोर्ट ने मान लिया।
हर मंगलवार को हिंदू भोजशाला में यज्ञ कर उसे पवित्र करते हैं और शुक्रवार को मुसलमान नमाज के नाम पर यज्ञ कुंड में थूककर उन्हें अपवित्र कर देते हैं। इसे रोका जाए।
भोजशाला का पूर्ण आधिपत्य हिंदुओं को सौंपा जाए। इसके लिए आवश्यक हो तो संपूर्ण भोजशाला की फोटोग्राफी, वीडियो ग्राफी और खुदाई करवाई जाए।
कोर्ट ने आज सुनवाई में सर्वे की मांग को मान लिया। (हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस ने 1 मई 2022 को इंदौर हाईकोर्ट में यह याचिका दायर की थी।
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