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अवैध सिजरो का आतंक, नियम विरुद्ध उठाते हैं गाड़िया

धार। धार जिला आदिवासी बाहुल्य होने के कारण यहां पर दिनों दिन अवैध सीजरों का आतंक बढ़ता जा रहा है। यह लोग फाइनेंस कंपनियों से कमीशन के बेस पर फाइनेंस की गई गाड़ियों को उठाने का काम करते हैं। आदिवासी बाहुल्य जिला होने के कारण यहां पर आम जनमानस को कानून व नियमों का इतना ज्ञान नहीं होने का फायदा यह लोग बखूबी उठाते हैं।

गाड़ी उठाने के बाद या तो गाड़ी बेच दी जाती है या गाड़ी किसी और कारण से नहीं दी जाती।

हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया था जिसमें गोपाल राजपूत एवं गोविंद राजपूत दोनों सिजरो के द्वारा एक बाइक सीजिंग कर इनके अवैध अड्डे पर रखी गई थी। जहां से बाइक नहीं मिली। गाड़ी मालिक द्वारा जब उनके ऑफिस पर पहुंच कर गाड़ी की बकाया राशि जमा करके गाड़ी मांगी गई, तब इन लोगों के होश उड़ गए। क्योंकि इन लोगों के पास गाड़ी तो थी ही नहीं और गाड़ी मालिक किस्त जमा करने के बाद अपनी गाड़ी वापस मांग रहा था। जिसको लेकर गाड़ी मालिक ने कोतवाली थाना धार पर एक लिखित शिकायत भी प्रस्तुत की थी। शिकायत के बाद इन सिजरो से गाड़ी के बारे में जानकारी पुलिस द्वारा जुटाए गई तो इन लोगों ने गाड़ी का चोरी होना बताया था। जबकि गाड़ी नियम विरुद्ध सीज कर अपने कब्जे में ली गई थी। गाड़ी का नहीं कोई सीजिंग लेटर था ना ही कोई न्यायालय द्वारा जपती का आदेश था।

आपको बता दें कि किसी भी प्रकार के सिजिंग या रिकवरी के लिए माननीय न्यायालय से प्राप्त आदेश के उपरांत ही उस भूमि मकान या वाहन को बैंक द्वारा विधिवत पंचनामा बनाकर रिकवरी की जाती है। इसके विपरीत यह लोग सिर्फ गरीब असहाय लोगों से गाड़ी छीना छपटी कर अपने कब्जे में ले लेते हैं, और उनसे एक बड़ी रकम वसूल करते हैं। यहां तक की गाड़ी छीन कर लाने पर इन लोगों को जो कमीशन दिया जाता है, वह भी यह लोग वाहन मालिक से ही वसूल करते हैं।

आखिरकार क्यों नहीं कर पाती पुलिस कार्यवाही??

इन अवैध सिजरो के पास कोई लिखित दस्तावेज या गाड़ी सीज करने के प्रामाणिक दस्तावेज उपलब्ध नहीं होते हैं। यह सिर्फ डरा धमका कर गाड़ी को उठाकर ले आते हैं, और कई लोग इसकी शिकायत संबंधित थाने में नहीं कर पाते जिसका यह लोग बखूबी फायदा उठाते हैं।

क्या कहते हैं जिम्मेदार —

इस संबंध में जब नगर पुलिस अधीक्षक से चर्चा की गई तब उन्होंने बताया कि आपके द्वारा इस प्रकार का मामला संज्ञान में आया है। हम जांच करवाते हैं। अगर इस प्रकार की घटना घटित होती है तो संबंधित व्यक्तियों पर उचित कार्रवाई की जाएगी। सीएसपी- रविंद्र वास्कले धार।

प्रधान संपादक- कमलगिरी गोस्वामी

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