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Sach Ke Sath

Why did they first put up the party flags and then remove them?

Why did they first put up the party flags and then remove them?

पहले लगाए पार्टी के झंडे फिर निकाले आखिर क्यों ?

पार्टी कार्यकर्ता इतने भावुक व उत्सुक नजर आ रहे हैं कि उन्हें यह भी समझ नहीं आ रहा की शासकीय संपदा कौन सी है और निजी संपदा कौन सी है। उन्होंने शासकीय संपदा पर पार्टी ध्वज लगा दिए जिससे आदर्श आचरण संहिता का उल्लंघन हो रहा है।

धार। भारतीय जनता पार्टी की अधिकृत प्रत्याशी सावित्री ठाकुर के समर्थन में विशाल जनसभा को संबोधित करने के लिए भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी धार में आ रहे हैं। जिसको लेकर संपूर्ण धार नगर में भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा पार्टी सिंबल के ध्वज लगाए गए।

सुबह करीब 11:00 बजे के आसपास इंदौर नाका क्षेत्र से लेकर विधायक मीना वर्मा के बंगले तक आदर्श सड़क के बीचो-बीच बने जाली नुमा डिवाइडर पर पार्टी के ध्वज हजारों की संख्या में लगा दिए गए थे। यह खुलेआम आदर्श आचरण संहिता का उल्लंघन था। जिसे देख शासन प्रशासन व नगर पालिका के अमले ने तुरंत फुर्ती दिखाते हुए कुछ ही समय बाद इन ध्वज को निकलवा दिया गया।

पार्टी कार्यकर्ताओं ने डीआरपी लाइन के मुख्य द्वार से लेकर इंदौर नाके तक भी पुलिस के द्वारा लगाए गए अस्थाई बैरिकेट्स जो की लकड़ी के द्वारा बाउंड्री नुमा बनाए गए हैं, उन पर भी पार्टी के ध्वज लगा दिए। इतना ही नहीं जिला सहकारी बैंक के समीप एक बिजली के खंभे पर भी पार्टी ध्वज लगा हुआ है। यह भी आदर्श आचरण संहिता का खुलेआम उल्लंघन है।  

संपत्ति विरूपण अधिनियम में होनी चाहिए कार्रवाई !

इसअधिनियम में धारा 3 के तहत नगरीय निकाय या उनके द्वारा अधिकृत किए गए व्यक्ति को अधिकार दिया गया है कि वह बिना कोई कानूनी नोटिस दिए संपति विरूपण करने वाले पोस्टर, पंपलेट, दीवार लेखन आदि को हटा सकता है। इसके लिए होने वाले खर्च की संबंधित से वसूली भी कर सकता है।

संपत्ति विरूपण अधिनियम 1987 तहत प्रावधान —

इस अधिनियम के तहत दंडनीय अपराध, संज्ञेय अपराध होगा और जो कोई भी विरूपण करने/ विरूपण में शामिल होने का दोषी पाया जाता है, उसे इस अधिनियम की धारा 3 के तहत दंडित किया जाएगा, जो एक वर्ष की अवधि तक का कारावास अथवा पचास हजार रुपये तक का जुर्माना अथवा दोनों हो सकता है।

प्रधान संपादक- कमलगिरी गोस्वामी

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