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Fraud of 5 crores done by forming a gang with girls

Fraud of 5 crores done by forming a gang with girls

लड़कियों के साथ गैंग बनाकर की ५ करोड़ की धोखाधड़ी

ट्रेडिंग के लिए 55 हजार में खरीदा नकली APP, 5 करोड़ की धोखाधड़ी की, गैंग में दो लड़कियां भी।

रतलाम। पुलिस ने ट्रेडिंग करने के लिए 55 हजार रुपये में प्रायवेट एप खरीदकर लोगों से करीब पांच करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इंदौर व देवास में रहने वाले गिरोह के छह सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इनमें दो युवतियां भी शामिल हैं। साफ्टवेयर डेवलपर, सर्वर एफ कंट्रोलर सहित गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है। प्रारंभिक जांच में आरोपितों द्वारा मध्यप्रदेश के अलावा बिहार, झारखंड सहित अन्य प्रदेशों के लोगों के साथ करीब पांच करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने की बात सामने आई है।

टीम ने जांच की तो पता चला कि गिरोह बनाकर कुछ लोगों ने धोखाधड़ी की है। इसके बाद आरोपितों को पता लगाकर 35 वर्षीय फिरोज पठान पुत्र सनावर पठान निवासी एमजी रोड देवास व 21 वर्षीय मोईन खान पुत्र अंसार खान निवासी नई आबादी देवास, 32 वर्षीय सोनम परदेशी पुत्री अशोक परदेशी (पत्नी अशोक चौहान) निवासी शफीनगर हाउसिंग बोर्ड कालोनी भानपुरा थाना शाहजनाबाद जिला भोपाल हालमुकाम सेक्टर नंबर 136 इंदौर, 24 वर्षीय आरती सोनकर पुत्री महेश सोनकर निवासी रेदास नगर इटारसी हालमुकाम इंदौर, 30 वर्षीय दिनेश शर्मा पुत्र तेजप्रताप शर्मा निवासी गराम साबोली थाना नरवर जिला शिवपुरी हालमुकाम इंदौर व 23 वर्षीय राज जोशी पुत्र शंकर जोशी निवासी ग्राम पेची थाना बीनागंज जिला गुना हालमुकाम संजय गांधी नगर इंदौर को गिरफ्तार किया गया।

आरोपितों को आलोट लाकर शुक्रवार को न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय ने आरोपित राज व मोईन को जेल भेज दिया तथा शेष चार आरोपितों को 11 मार्च तक पुलिस रिमांड पर रखने के आदेश दिए है। आरोपितों से पूछताच तथा उनके खातों की जांच की जा रही है।

एक लाख लोगों का डाटा कई लोगों से की धोखाधड़ी —

  • एसपी अमित कुमार के अनुसार पूछताछ में एप की मुख्य सरगना सोनम परदेशी पाई गई। सोनम ने बताया कि उसने अपनी मौसी की पुत्री आरती सोनकर व साथी फिरोज पठान के साथ मिलकर फिरोज के बताये अनुसार एप डेवलपर से 55 हजार रुपये में मेटा ट्रेडस 5 पीआरओ सर्वर एप खरीदा।
  • फिरोज ने अपने अंडर में काम करने वाले मोईन, सोनम व अन्य के द्वारा दिए गए डाटा के अनुसार लोगों को फोन लगाकर फीसिंग की तथा उनके डीमेट खाते खुलवाए।
  • इसके बाद ट्रेडिंग एप की लिंक वाट्सएप पर भेजकर निवेशकों को झांसा दिया तथा धोखाधड़ीपूर्वक शेयर खरीदवाकर रुपये अलग-अलग खातों में डलवाए गए।
  • फर्जी खातों की व्यवस्था दिनेश शर्मा ने कराई थी। बैंक खाते मजदूरों गरीबों को हजार-डेढ़ हजार रुपये देकर खुलवाए गए थे। सोनम, आरती, फिरोज पहले किसी ट्रेडिंग कंपनी में काम करते थे।
  • उक्त कंपनी बंद हो गई। सोनम व आरती ने गिरोह को ग्राहकों का डाटा उपलब्ध कराया गया। डाटा कंपनी से चुराया गया या किसी अन्य से लिया गया, इसकी भी जांच की जा रही है। साथ ही यह भी पता किया जा रहा है कि आरोपितों ने कितने लोगों को ठगा है।

मुनाफा देने का झांसा देकर फंसाते थे —

  • पुलिस ने साॅफ्टवेयर डेवलपर, सर्वर एप कंट्रोलर, फिशिंग करने वाले के साथ ही उन लोगों को भी आरोपित बनाया है, जिनके खातों में धोखाधड़ी के रुपये ट्रांसफर कराए गए हैं।
  • आरोपित लोगों को अच्छा मुनाफा देने का झांसा देकर जाल में फंसाते थे।वे शेयर की वेल्यू अपनी मर्जी के अनुसार घटाते-बढ़ाते थे।
  • किसी भी ग्राहक द्वारा मुनाफे के रुपये निकालने की बात करने पर उसके शेयर की वेल्यू सर्वर एप से कम कर शेयर होल्ड पर रखने या अधिक निवेश करने का दबाव बनाते थे।
  • जिस ग्राहक द्वारा रुपये निकालने का दबाव बनाया जाता उसकी आइडी एप से हटाकर मोबाइल फोन बंद कर देते थे।

संपादक- श्री कमल गिरी गोस्वामी

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