धार। कहते हैं कि डॉक्टर ईश्वरीय वरदान है, या यूं कहें कि डॉक्टर को भगवान के रूप में देखा जाता है। ऐसा ही एक उदाहरण आज एक निजी चिकित्सालय में देखने को मिला।
पूर्व में जिला चिकित्सालय से शासकीय सेवा से पृथक स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर नीरज बागडे द्वारा एक निजी चिकित्सालय में एक महिला का सातवें प्रसव के दौरान एक साथ दो बच्चे का प्रसव करवाया गया।
धार के निजी चिकित्सालय में सुप्रसिद्ध एवं अनुभवी जिला चिकित्सालय से सेवा पृथक डॉक्टर नीरज बागडे द्वारा एक महिला जिसका नाम रीना पति राजाराम उम्र 35 वर्ष निवासी मुन्नाणा सागोर जिसका प्रसव डॉक्टरी भाषा में कहा जाए नॉर्मल डिलीवरी करवाई गई। बताया जा रहा है कि दोनों बच्चे प्रजनन गुत्थी में उलझे हुए थे जिसे डॉक्टर की सूझबूझ एवं अनुभव के द्वारा बड़ी ही मशक्कत के बाद नॉर्मल डिलीवरी के रूप में दो बच्चों का प्रसव करवाया गया।
बताया जा रहा है कि जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं, बच्चों का उपचार चाइल्ड आईसीयू में जारी है। वहीं महिला भी पूर्ण रूप से स्वस्थ है। महिला के परिवार जनों ने डॉक्टर के कार्य को सराहना करते हुए डॉक्टर को भगवान के रूप में माना व डॉक्टर का आभार व्यक्त किया है।
परिजनों द्वारा बताया गया कि जिस प्रकार से महिला और बच्चों की स्थिति बताई जा रही थी, उस स्थिति में बच्चों और महिला का स्वस्थ रहना बड़ा ही मुश्किल था। बच्चों की जान को खतरे सहित महिला की जान को भी खतरा बताया जा रहा था। प्रसव के दौरान जुड़वा बच्चे होने के कारण डॉक्टर को बड़ी ही मशक्कत कर प्रसव करवाना पड़ा।
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर नीरज बागडे द्वारा बताया गया कि महिला का दो बच्चों का एक साथ प्रसव करवाया गया है। बच्चों की प्रजनन गुत्थी उलझी हुई थी। जिसमें बड़े ध्यानपूर्वक व प्रशिक्षित टीम द्वारा प्रसव करवाया गया। जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।
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