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Indian government's ambitious plan falls prey to corruption

Indian government's ambitious plan falls prey to corruption

भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना चढ़ी भ्रष्टाचार की भेंट

जिम्मेदार के अनदेखी में सिर्फ दिखावा बनकर कर रह गई करोड़ों की योजना। 

जल शक्ति मिशन के पेयजल के घटिया निर्माण मैं हुआ करोड़ों का भ्रष्टाचार।

जितेंद्र जैन – सम्पादक मध्यभारत लाइव न्यूज़। 

धार। स्कूल, आंगनवाड़ी और उप स्वास्थ्य केंद्रों पर हाथ धुलाई एवं पीने के पानी की व्यवस्था करने के लिहाज से शासन ने जल जीवन मिशन के तहत पानी की प्याऊ के निर्माण की योजना शुरू की थी। इसके तहत काम भी शुरू हो गए थे और कई जगह पर काम खत्म भी हो गए हैं। लेकिन विडंबना ही है कि जिले भर में जिम्मेदारों की मेहरबानीयो के चलते ठेकेदारों द्वारा घटिया किस्म के कार्य करने से स्कूली छात्रों एवं ग्रामीणों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। कई जगहों पर नल टूट गए हैं तो कई स्थानों पर टंकी की उंचाई का मानक आधार ही ताक पर रख दिया गया। कई आंगनबाड़ियों में तो नलो की ऊंचाई इतनी रखी गई है कि यदि उन में पानी आ भी गया तो छोटे बच्चो के हाथ भी वहां तक नहीं पहुंच पाएंगे।

कलेक्टर की चेतावनी भी मजाक बनकर रह गई

समाचार पत्रों मैं कई बार समाचार छपने के साथ कई बार लोगों के शिकायत करने पर मामला जब धार कलेक्टर के पास पहुंचा तो उन्होंने टीएल बैठक में इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जिम्मेदारों को बिना नाम लिए चेताते हुए चेतावनी भी दे दी, कि काम यदि सही नहीं हुआ तो निश्चित तौर पर हर कोई तकलीफ में आ जाएगा। उन्होंने कहा कि जितने भी प्याउ बने हैं उनका भौतिक निरीक्षण करते हुए पानी की उपलब्धता भी देखी जाएगी। बावजूद इसके आज तक कलेक्टर या जिम्मेदारों द्वारा ना ही कहीं भौतिक निरीक्षण हुए और ना ही कहीं संबंधितो पर कोई कार्यवाही हुई।

जिले भर में है हजारों प्याऊ

सूत्र बताते हैं कि धार जिले में हजारों प्याउ इस योजना के तहत बने है ताकि स्कूली बच्चों और मरीजों सहित स्टॉफ को समय पर पानी मुहैया हो सके। इसके लिए जल-जीवन मिशन को जिम्मा सौंपा गया था। परंतु अधिकांश जगह पर भ्रष्टाचार के चलते या तो प्याऊ बने ही नहीं और अगर बने भी हैं तो आधे अधूरे। सैकड़ों जगह सिर्फ लीपापोती होने की वजह से ग्रामीणों ने यह मामला विभाग के साथ कलेक्टर तक भी पहुंचा दिया है।

स्टैंड की उंचाई का ध्यान ही नहीं

गौरतलब है कि कई जगह पर प्याउ तो बनाए गए लेकिन छोटे बच्चों के कद का ध्यान ही नहीं रखा गया। ऐसे में निष्चित तौर पर यदि जिम्मेदारों ने ध्यान दिया तो टंकियों के जरिए प्याउ में पानी तो आ जाएगा लेकिन कई बच्चे इस पानी से वंचित ही रह जाएंगे। दरअसल , प्याउ की उंचाई सामान्य तौर पर बच्चों के कद से उपर कर दिए गए हैं।

धार एवं सरदारपुर तहसील में हुआ सर्वाधिक भ्रष्टाचार

धार एवं सरदारपुर तहसील क्षेत्र में सर्वाधिक भ्रष्टाचार के चलते शासकीय स्कूलो व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रो में बन रही पेयजल यूनिटों में अधिकांश यूनिटों का निर्माण अभी तक अधूरा पड़ा हुआ है। कई पेयजल यूनिट चालू होने से पहले ही टूट चुके है तो कई स्थानों पर नल की टोटीया ही नहीं है। और कहीं पै नल कनेक्शन नहीं है तो कहीं स्थानों पर लगे टीन शेड पूरी तरह हवा में हिलते नजर आ रहे हैं या उड़ चुके हैं। जिसके कारण किसी दिन तेज हवा चली तो स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे व हॉस्पिटल में आने वाले मरीजों के साथ दुर्घटना भी हो सकती है। जिसका जिम्मेदार कौन रहेगा।

Indian government's ambitious plan falls prey to corruption
Indian government’s ambitious plan falls prey to corruption

ठेकेदार पढ़ रहे अधिकारियों पर भारी

सरदारपुर में इन पेयजल यूनिटों का निर्माण कार्य जिले के बाहर के व अन्य राज्यों के ठेकेदारों को ठेका देना बताया जाता है। यह ठेकेदार इतने प्रभावशाली है कि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग सरदारपुर के अधिकारियों को इनसे गुणवत्तापूर्ण कार्य करवाने में पसीने छूट गए हैं। राजनीतिक संरक्षण के चलते ठेकेदार अधिकारियों पर इतने भारी पड़ रहे हैं कि वे पेयजल यूनिटों का निरीक्षण तक नहीं सर पा रहे हैं।

प्रधान संपादक- कमलगिरी गोस्वामी

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