19/05/2025

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गाय काटने वाले आरोपितों के घरों पर बुधवार की सुबह प्रशासन का बुलडोजर गरज पड़ा। आरोपित के मकान सरकारी जमीन पर बने हुए थे, जिनमें गाय काटने जैसे अनैतिक काम कर रहे थे। बुधवार की सुबह राजस्व व पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में दो बने हुए और एक निर्माणाधीन मकान को धराशायी कर दिया गया।

मुरैना। गाय काटने वाले आरोपितों के घरों पर बुधवार की सुबह प्रशासन का बुलडोजर गरज पड़ा। आरोपित के मकान सरकारी जमीन पर बने हुए थे, जिनमें गाय काटने जैसे अनैतिक काम कर रहे थे। बुधवार की सुबह राजस्व व पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में दो बने हुए और एक निर्माणाधीन मकान को धराशायी कर दिया गया।

गौरतलब है, कि 21 जून शुक्रवार की शाम नूराबाद की बंगाली कालोनी में रहने वाले अनीपाल सिंह गुर्जर ने पास ही रहने वाले एक घर में गाय कटते देखी। अनीपाल को देखते ही गाय काट रहे आरोपितों ने उस पर कसाई के बखे और पत्थरों से हमला किया।

जान बचाकर भागे अनीकेत ने थाने जाकर आपबीती बताई, पुलिस ने दबिश देकर आरोपितों के घर से दो बोरे जब्त किए, जिनमें गाय की हड्डियां व मांस था, वहीं मौके पर गाय की चमड़ी भी मिली थी। पुलिस ने आरोपित असगर खां, शम्मी खां, अफसर खां, रेतुआ खां, जफ्फार खान, विश्नोई, मौसम खां, इकरार खान, शारू खां के खिलाफ मप्र गोवंश प्रतिषेध अधिनियम, पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण अधिनियम के अलावा बलवा, मारपीट, धमकाने सहित कुल 11 धाराओं में केस दर्ज किया था।

इनमें से असगर खान और रेतुआ खान के खिलाफ 22 जून को ही रासुका की कार्रवाई हो चुकी है। उधर नूराबाद ग्राम पंचायत आरोपितों की सम्पत्ति की छानबीन में जुट गई, जिसमें पता चला कि जिस जमीन पर आरोपितों के घर बने हैं, वह सरकारी जमीन है।

ग्राम पंचायत ने मेहराब खान के दो बेटे असगर खान व जब्बार खान के दो पक्के मकान सरकारी जमीन के सर्वे नंबर 470 व 296 पर बने होना पाया, इसके अलावा एक अन्य आरोपित का मकान निर्माणाधीन था। ग्राम पंचायत ने 22 जून को इन मकानों पर नोटिस चस्पा कर 24 जून यानी तीन दिन में अतिक्रमण हटाने की चेतावनी दी थी।

समय सीमा गुजर जाने के बाद आरोपितों ने मकान तक खाली नहीं किए। इसी कारण बुधवार की सुबह राजस्व व पुलिस टीम कार्रवाई करने पहुंची। पुलिस व राजस्व टीम ने जब्बार खान के घर से गृहस्थी का सामान बाहर निकाला, इसके बाद घरों पर बुलडोजर चले। करीब डेढ़ घंटे की कार्रवाई में दो पक्के व एक निर्माणाधीन मकान को धराशायी कर दिया गया।

कार्रवाई के दौरान पत्थर फेंका, युवक को पकड़कर भेजा थाने —

गौरतलब है, कि गोहत्या के आरोपितों के मकान ढहाने की मांग लेकर नूराबाद में जाम लगा था। गोसेवक व ग्रामीणों ने मुरैना बंद कराने तक की चेतावनी दी थी, इसी कारण प्रशासन ने आरोपितों के घरों को तोड़ने की कार्रवाई का फैसला लिया। कार्रवाई के दौरान हंगामे की संभावनाओं को देखते हुए नूराबाद के अलावा बानमोर, सुमावली व रिठौरा थानों से भी पुलिस बल बुलवाया गया।

इतनी सुरक्षा के बीच भी जब पुलिस टीम घरों में रखे सामान को बाहर निकलवा रही थी, इसी दौरान जब्बार के मकान के सामने बने एक मकान की छत से किसी ने पत्थर फेंक दिया। इस पत्थर से पुलिसकर्मी सकते में आ गए। तत्काल ही उक्त घर को घेरा गया, छत पर कई लोग खड़े थे, पुलिस ने पत्थर फेंकने वाले युवक को तत्काल पकड़कर थाने में बैठा दिया, इसके बाद प्रशासन की कार्रवाई बिना किसी रुकावट व विवाद के पूरी हो गई।

आरोपितों के मकान सरकारी जमीन पर बने थे। ग्राम पंचायत ने अतिक्रमण करने वालों को नोटिस दिए, लेकिन कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद इनके घरों पर नोटिस चस्पा कर तीन दिन में अतिक्रमण हटाने की चेतावनी दी गई है। आरोपितों ने खुद अतिक्रमण नहीं हटाया तो, यह कार्रवाई की गई है। महेश सिंह कुशवाह, तहसीलदार, बानमोर। 

इन घरों में 21 जून को गोकशी का अपराध हुआ था। यह घर सरकारी जमीन पर अवैध पाए गए हैं, इसलिए राजस्व विभाग ने इनका अतिक्रमण हटाकर सरकारी जमीन मुक्त कराई है। गोकशी मामले में नौ पर केस दर्ज है, जिनमें से छह आरोपी पकड़े जा चुके हैं, तीन अन्य आरोपियों की तलाश में पुलिस टीम दबिश दे रही है। ओपी रावत, टीआइ, नूराबाद।

— साभार नईदुनिया।

संपादक- श्री कमल गिरी गोस्वामी

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