आखिरकार क्यों पड़ रही है आम लोगों को जिला पुलिस अधीक्षक के द्वार पर आने की जरूरत।
धार। जहां एक और जिला पुलिस कप्तान मनोज कुमार सिंह द्वारा जिले में पुलिस की छवि आम लोगों में सुधारने एवं अपराधियों में पुलिस का खौफ पैदा करने के लिए नित नए कार्य किया जा रहे हैं। जिला पुलिस अधीक्षक स्वयं अपराधिक क्षेत्र में निडर होकर अकेले ही बैठक कर रहे हैं। अपराधियों के परिवारों के साथ आपसी समन्वय बिठाकर उन लोगों को मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास लगातार जारी हैं। इसका परिणाम भी लगातार देखने को भी मिल रहा है की धार में अपराधीक गतिविधियां धीरे-धीरे काम भी हो रही है।
इसके विपरीत कुछ पुलिसकर्मी अपनी हट धर्मिता व मनमानी के चलते आम लोगों को परेशान ही नहीं कर रहे हैं। बल्कि उन लोगों को बचा रहे हैं जो चोरी जैसे कार्यों में लिप्त हैं।
क्षेत्र में चोरी और लूट की घटनाएं दिन-ब-दिन बढ़ती ही जा रही, आखिर क्यों नहीं लिखी जाती फरयादी की FIR
आखिरकार क्यों पड़ रही है आम लोगों को जिला पुलिस अधीक्षक के द्वार पर आने की जरूरत —
जिला पुलिस अधीक्षक के नीत नई प्रयासों के बावजूद जिले की जनता चौकी प्रभारी से परेशान होकर जिला पुलिस अधीक्षक के कार्यालय तक पहुंच रही है। हम बात कर रहे हैं सरदारपुर अनुभाग के अमझेरा थाने की दसई चौकी की। दसई चौकी प्रभारी की हटधर्मिता के चलते आम लोगों परेशान रहे है। वहीं चोरी जैसे संगीन मामले में लिफ्ट चोरों को बचाने का भी प्रयास किया जा रहा है।
ऐसा ही एक मामला विगत कई दिनों से मीडिया की सुर्खियों में बना हुआ है। जिसमें एक पिकअप वाहन चालक की गाड़ी से उसकी स्टेफनी की चोरी हो जाती है। जिसकी सूचना वाहन मालिक द्वारा दसई चौकी पर लिखित रूप में दी गई थी। बाद में ग्रामीणों की गवाही के बाद प्रत्यक्षदर्शी ग्रामीणों ने नाम दर्ज बताया कि इन लोगों द्वारा चोरी की गई है। बावजूद उसके उन लोगों पर आज तक FIR दर्ज नहीं होना पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा कर रहा है।
इससे परेशान वाहन मालिक जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचा और लिखित में अपने शिकायत पुलिस अधीक्षक महोदय के सानिध्य में प्रस्तुत की। अब देखना यह होगा कि जिला पुलिस अधीक्षक के संज्ञान में आने के बाद इस मामले में क्या होता है।
सीएम हेल्पलाइन को बनाया मजाक —
इतना ही नहीं शिकायतकर्ता द्वारा जब सीएम हेल्पलाइन का सहारा लिया गया तब चौकी प्रभारी द्वारा कहा गया कि अब मैं सीएम साहब से बात करने के बाद ही तुम्हारे शिकायत दर्ज करूंगा। आखिरकार किसका संरक्षण है चौकी प्रभारी को या चोरों से भी उगाई जारी है।
फ़िल्मी मामले से एक झलक —
इस संपूर्ण मामले को देखते हुए फिल्म अभिनेता सनी देओल की एक मूवी का एक सीन याद आता है। जिसमें वह कमिश्नर कार्यालय में बैठकर कहता है कि पुलिस की छवि आम लोगों में अच्छी नहीं है। जब किसी थाने में कोई शिकायत दर्ज करवाने जाता है तो पुलिस वाले आपस में बात करते हैं कौन से चोर ने चुराया होगा, अच्छा वह वह तो आज छुट्टी पर है फिर अच्छा उसने चुराया होगा फिर उसे बुलाया जाता है। उससे अपना हिस्सा लिया जाता है और फरियादी से ऐसा शुलुक किया जाता है जैसे कि वह स्वयं चोर हो।
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