करोड़ों की लागत से बनने वाले बीटी रोड चढ़ रहा भ्रष्टाचार की भेंट। ग्रामीणों को मिली सौगात पर, भ्रष्टाचारियों का डंक।
पुरानी पुलिया पर बनाया नया रोड, पुलिया की मिट्टी तक नहीं हटाई और चढ़ा दिया डामर। एक ही दिन में फटने लगा नया डामर का रोड।
धार। (नीरज कुशवाह) प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में बनाई जा रही सडक़ों के निर्माण में खुलेआम भ्रष्टाचार हो रहा है। विभाग के अधिकारी और ठेकेदार की मिलीभगत से गुणवत्ताविहीन सडक़ का निर्माण कर शासन को करोड़ों रुपए का चूना लगाया जा रहा है। इसके बावजूद सभी ने चुप्पी साध रखी है। कमीशनखोरी के चक्कर में कोई कार्रवाई अथवा जांच नहीं हो रही है।
नालछा ब्लॉक के ग्राम नालछा से शिकारपुरा तक 2 करोड़ 80 लाख से अधिक की लागत से बीटी सडक़ का निर्माण कराया जा रहा है। निर्माण कंपनी के ठेकेदार द्वारा सडक़ रात के अंधेरे में बनाई जा रही है, ताकि मनमानी व भ्रष्टाचार पर कोई नकेल न लगा सके।
नालछा ब्लॉक के ग्राम नालछा से शिकारपुरा तक करीब 4.8 किलोमीटर में सडक़ का निर्माण किया जा रहा है। इस मार्ग में कुछ हिस्सा सीमेंट कंक्रीट से बनना है, तो कुछ पर डामरीकृत।
ठेकेदार द्वारा नियमों को ताक में रखकर रात के अंधेरे में निर्माण कार्य कराया जा रहा है।
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाते हुए कहा कि सडक़ बनने के साथ ही पीछे से उखडनी शुरू हो गई है। इसमें विभागीय अधिकारीयो व ठेकेदार की मिलीभगत है। लोगोंं का आरोप है कि दिन में सडक़ निर्माण काम नहीं कराया जा रहा है। घटिया स्तर का निर्माण रात के अंधेरे में कराया जा रहा है, ताकि लोगों की नजर से बच सके।
लोगों का कहना है कि सडक़ों के निर्माण में मापदंडों और गुणवत्ता का कहीं भी ख्याल नहीं रखा गया है। मटेरियल के इस्तेमाल में भी तय मापदंड नहीं अपनाए गए हैं।
रात के अंधेरे में कराया जा रहा काम —
स्तरहीन निर्माण का पता न चल सके इसलिए विभाग की मिली भगत से ठेेकेदार द्वारा रात के अंधेरे में काम कराया जा रहा है। मौके पर न तो इंजीनियर रहते हैं और न ही ठेकेदार की मौजूदगी। केवल मजदूरों के भरोसे करोड़ों की सडक़ का घटिया काम अंधेरे का फायदा उठाकर कराया जा रहा है।
जूते की ठोकर भर से ही उखड़ जा रही सडक़ —
सडक़ निर्माण का स्तर इतना घटिया है कि जूते की ठोकर मात्र से सडक़ पर बिछाया गया डामर उखड़ा जा रहा है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सड़क बनने का काम कैसा है।
बिना पुलिया बनाए कर दिया डामरीकरण —
सड़क निर्माण के दौरान कई जगहों पर पुलिया की जगह छोटे-छोटे पाइप डालकर डामर की परत चढ़ा दी गई, वही एक पुलिया का निर्माण किया गया, जिसमें गुणवत्ताहीन सामग्री का उपयोग किया गया है। जिससे पुलिया अभी से टूटने लगी है व कई जगह से दरारे होने लगी है। वही जहां मार्ग में पुरानी पुलिया आ रही थी उसके ऊपर से बिना मिट्टी साफ किए ही डामर चढ़ा दिया गया।
ग्रामीण राधेश्याम निवासी खेजलियापुरा ने बताया कि जब रोड का निर्माण हो रहा था तब मैंने काम करने वाले लोगों को कहा कि यहां माल कम चल लग रहा है लेकिन किसी ने नही सुना, जिस तरह से यह काम हुआ है वह ज्यादा नहीं चलेगा।
ग्रामीण परसराम डिंडोरी ने बताया कि काम काफी घटिया हुआ है, जिस प्रकार से इस रोड पर डामर डाला जा रहा है, उस हिसाब से तो 5 से 6 महीने भी नहीं चलेगा यह रोड।
क्या कहते हैं जिम्मेदार —
गुणवत्ता और सड़क निर्माण के संबंध में आर ई इस विभाग के जिला अधिकारी सोहन सिंह झणिया से चर्चा करने पर बताया कि आपके द्वारा मामला संज्ञान में आया है दिखवाता हू।
उक्त मामले में CM हेल्पलाइन पर शिकायत भी की गई थी लेकिन बिना निराकरण किए ही शिकायत को कटवा दी गई। जबकि शिकायतकर्ता को इस मामले में कोई जानकारी नहीं दी गई।
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