हेडमास्टर राठौड़ को संभागीय उपायुक्त ने दिया नोटिस, सहायक आयुक्त भी दे चुके है नोटिस।
धार। (राकेश साहू) जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत शासकीय माध्यमिक विद्यालय क्रमांक 4 के हेड मास्टर लोकेंद्र सिंह राठौड़ को संभागीय उपायुक्त जनजातीय कार्य विभाग इंदौर ने कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर सात दिवस में समक्ष उपस्थित होकर जवाब तलब किया है।
नोटिस सीएम राइज मुख्य शाला से खुद के विद्यालय को स्वतंत्र घोषित किया जाकर संकुल केंद्र क्रमांक 2 में खुद की मनमर्जी से विलय मानकर संचालित करने और स्टाफ सहित स्वयं के हस्ताक्षर सीएम राइज मुख्य शाला की पंजी में न करने एवं प्राचार्य सीएम राइज शाला के निर्देशों को न मानने पर यह कारण बताओ सूचना पत्र दिया गया है।
कारण बताओ सूचना पत्र के बाद लोकेंद्र सिंह राठौड़ और माध्यमिक विद्यालय क्रमांक 4 के स्टाफ पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। क्योंकि नोटिस अनुसार यह प्रमुख सचिव व आयुक्त आदिवासी विकास विभाग भोपाल के आदेशों का स्पष्ट उल्लंघन है। उधर संकुल प्राचार्य ने इनसे पल्ला झाड़ लिया है।
आपको बता दें कि प्रमुख सचिव राज्य शासन के आदेश से शहर की 11 शालाओं का विलय सीएम राइज विद्यालय में कर दिया गया है और उनके अधीन ही इन स्कूलों का प्रशासकीय नियंत्रण कर दिया गया है। लोकेंद्र सिंह राठौड़ ने पूर्व प्रधानाध्यापक दिनेश कुरकुरे के सेवानिवृत होने के बाद प्रधानाध्यापक का चार्ज मिलने पर स्वयं को स्वतंत्र घोषित कर दिया है और खुद के साथ-साथ स्टाफ को भी सीएम राइज शाला की उपस्थिति पंजी में हस्ताक्षर करने से मना कर दिया है। खुद को संकुल केंद्र क्रमांक 2 के अंतर्गत बिना किसी सक्षम अधिकारी के आदेश के विलय मानकर मनमर्जी से आ जा रहे है। ऐसे में प्रधानाध्यापक और वहां के शिक्षक, शिक्षिकाओं, चपरासी के खिलाफ वरिष्ठ अधिकारियो द्वारा कड़ी कार्यवाही की तैयारी की जा रही है। नोटिस का दिया जाना इसी कार्यवाही का प्रथम चरण है।
नोटिस में दी गई है चेतावनी !
संभागीय उपायुक्त द्वारा लोकेंद्र राठौड़ को जारी कारण बताओ सूचना पत्र में स्पष्ट लिखा है कि माध्यमिक विद्यालय क्रमांक 4 का विलय प्रमुख सचिव एवं आयुक्त आदिवासी विभाग के आदेश के अनुसार सीएम राइज मुख्य शाला में किया गया है लेकिन 30 दिसंबर 2023 को पूर्व प्रधानाध्यापक दिनेश कुरकुरे के सेवानिवृत होने के उपरांत आपके द्वारा खुद को सीएम राइज मुख्य शाला से अलग घोषित कर सीएम राइज मुख्यशाला की उपस्थिति पंजी में हस्ताक्षर नहीं किये जा रहे हैं तथा स्टाफ को भी हस्ताक्षर करने से मना कर दिया गया है। आपका यह कृत्य मध्य प्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 के प्रतिकूल होकर कदाचार की श्रेणी में आता है। इस हेतु क्यों न आपके विरुद्ध मध्य प्रदेश सिविल सेवा वर्गीकरण, नियन्त्रण एवम् अपील नियम 1966 के अंतर्गत कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रस्तवित की जाए।
संभागीय उपायुक्त द्वारा सात दिवस में समक्ष में उत्तर तलब किया गया है। पश्चात राठौड़ के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की चेतावनी दी गई है।
संपादक- श्री कमल गिरी गोस्वामी
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