मानव सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है जिसकी मिसाल अमझेरा के युवा साथियों ने पेश की।
सरदारपुर/धार। योगेश गवरी – अमझेरा के समीप तीन माह पूर्व की घटना है जिसमे पीड़ित कनीराम परमार मिंडा गंभीर बीमारी से ग्रसित था। जीने की उम्मीद छोड़ रखी थी, तभी अमझेरा के युवा साथियो शाहबाज कुरेशी अर्जुन मोहनिया उप सरपंच अमझेरा वसीम काजी गजेंद्र सांखला जो ऐसे गरीब मजबूर और लावारिश लोगो के इलाज के साथ साथ रक्तदान सेवा का कार्य करते रहते है।
उन्हें अस्पताल कर्मचारी पवन चावरे ने सूचना दी के कनीराम परमार नाम के एक व्यक्ति की बीमारी से हालत गंभीर है और उसकी कोई मदद करने वाला नही है आप लोग मिंडा जा कर उस व्यक्ति को देखो और उसकी मदद करो। बस फिर क्या था ? फरिस्ते निकल पड़े अपना धर्म निभाने।
पीड़ित कनीराम परमार मिंडा को पांच यूनिट ब्लड की आवश्यकता थी। पांव की हड्डी भी टूटी हुई थी पूरे जिस्म पर टांको के निशान थे जीने की उम्मीद भी छोड़ दी थी। आज वह पूरी तरह से स्वस्थ है और अब वो व्यक्ति उपचार मिलने के 3 माह बाद स्वस्थ हो गया तो उसके मन मे एक विचार आया के मे आज जिंदा हु तो इन लोगो की वजह् से इस खुशी मे कनीराम परमार निवासी मिंडा अमझेरा हॉस्पिटल पहुचे और कनीराम मिंडा ने समुदायिक स्वस्थ केंद्र अमझेरा में 10 हजार रुपए लाचार और मजबूर लोगो के इलाज के लिए दान किए। दान राशि डॉ तरुण सिंघार डॉक्टर मदन सोलंकी और 5 हजार रुपये मस्जिद मे पानी स्थान बनाने के लिए शाहबाज कुरेशी को दान किए, कनीराम ने खुद को स्वस्थ पाकर अपना कर्तव्य धर्म निभाया और इन मदद करने वाले फरिस्तो को अपनी भीगी पलकों से आशीर्वाद देते हुए धन्यवाद दिया। आज के इस कली कली कलयुग के समय भी ऐसे कर्मवीर युवा मिलते हैं जो मानवता की सेवा के लिए हर समय तत्पर रहते हैं।
संपादक- श्री कमल गिरी गोस्वामी
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