भारत निर्वाचन आयोग ने सभी प्रदेशों के सीएस, डीजीपी एवं केन्द्रीय एजेन्सियों के प्रमुखों की बैठक लेकर दिये निर्देश।
भोपाल। भारत निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनावों के दौरान कानून और व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा और आंकलन करने, अवैध गतिविधियों, जब्ती की रोकथाम और अंतर-राज्य और अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर कड़ी निगरानी सुनिश्चित करने के लिए सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। संयुक्त समीक्षा का उद्देश्य स्वतंत्र, निष्पक्ष, शांतिपूर्ण और प्रलोभन मुक्त चुनाव के लिए सीमाओं की रक्षा करने वाली केंद्रीय एजेंसियों के साथ-साथ पड़ोसी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों के बीच सहज समन्वय और सहयोग के लिए सभी संबंधित हितधारकों को एक ही मंच पर लाना था। आयोग ने प्रत्येक राज्य/केंद्रशासित प्रदेशों से संबंधित सभी महत्वपूर्ण विषयों की विस्तार से समीक्षा की।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में निर्वाचन आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार और श्री सुखबीर सिंह संधू के साथ ही राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों और सीमाओं की रक्षा करने वाली केंद्रीय एजेंसियों के शीर्ष अधिकारी शामिल हुये।
मुख्य चुनाव आयुक्त श्री राजीव कुमार ने स्वतंत्र, निष्पक्ष, शांतिपूर्ण और प्रलोभन मुक्त चुनाव सुनिश्चित करने के लिए आयोग की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया और सभी हितधारकों से चुनावी प्रक्रिया की अखंडता को बनाए रखने और समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करने का आह्वान किया। उन्होंने राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिये कि प्रत्येक मतदाता बिना किसी डर या भय के अपने मतदान के अधिकार का उपयोग कर सके। श्री कुमार सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों और एजेंसियों से स्वतंत्र, निष्पक्ष, शांतिपूर्ण और भय-मुक्त चुनाव के लिए अपने ‘संकल्प’ को ठोस ‘कार्रवाई’ में बदलने का आह्वान किया।
बैठक में पड़ोसी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के बीच बेहतर समन्वय की आवश्यकता, सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में पर्याप्त रूप से प्रदान की गई सीएपीएफ की तैनाती, सीमावर्ती राज्य/केंद्रशासित प्रदेश में सीएपीएफ कर्मियों की आवाजाही और परिवहन के लिए साजो-सामान संबंधी सहायता, सीमावर्ती क्षेत्रों में उन फ़्लैशपॉइंटों की पहचान और निगरानी करना जिनका चुनाव प्रक्रिया पर प्रभाव पड़ सकता है, पिछले अनुभवों के आधार पर सांप्रदायिक तनाव को दूर करने के लिए निवारक, उपाय और अवैध गतिविधियों के खिलाफ खुली सीमाओं को सुरक्षित करने की अनिवार्यता आदि विषयों पर चर्चा हुई। आयोग ने अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के पार नशीले पदार्थों, शराब, हथियारों और विस्फोटकों सहित प्रतिबंधित वस्तुओं की आवाजाही पर अंकुश लगाने के लिए कड़ी निगरानी के महत्व को रेखांकित किया। कुछ राज्यों में अवैध गांजा की खेती पर अंकुश लगाने, सीमाओं पर शराब और नकदी की आवाजाही के लिए निकास और प्रवेश बिंदुओं की पहचान करने के निर्देश दिये।
कानून एवं व्यवस्था संबंधी निर्देश —
1. कड़ी निगरानी के लिए अंतर्राष्ट्रीय और अंतरराज्यीय सीमाओं पर एकीकृत जांच चौकियां।
2. सीमावर्ती जिलों के बीच अपराधियों और असामाजिक तत्वों पर खुफिया जानकारी साझा करना।
3. अंतिम 48 घंटों के दौरान फर्जी मतदान को रोकने के लिए अंतरराज्यीय सीमाओं को सील करना।
4. सीमावर्ती जिलों की नियमित अंतरराज्यीय समन्वय बैठकें।
5. राज्य पुलिस द्वारा अंतरराज्यीय सीमावर्ती जिलों पर गश्त तेज करें।
6. सीमावर्ती राज्यों के समन्वय से रणनीतिक स्थानों पर अतिरिक्त नाके स्थापित किए जाएंगे।
7. मतदान के दिन अंतरराज्यीय सीमा सील करें।
8. सीमावर्ती राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के उत्पाद शुल्क आयुक्त परमिट की वास्तविकता की जांच सुनिश्चित करें, विशेष रूप से सीमावर्ती जिलों में शराब की दुकानों की औचक जांच करें।
9. लाइसेंसी हथियारों को समय पर जमा करना और गैर जमानती वारंटों का निष्पादन करना।
10. भगोड़ों, हिस्ट्रीशीटरों, चुनाव संबंधी अपराधों में संलिप्त अपराधियों के विरुद्ध कार्यवाही।
11. खतरे की आशंका के आधार पर राजनीतिक पदाधिकारियों/उम्मीदवारों को पर्याप्त सुरक्षा कवर।
व्यय निगरानी —
1. अंतरराज्यीय और अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर अवैध शराब, नकदी, नशीली दवाओं के प्रवाह को रोकना।
2. चेकपोस्टों पर सीसीटीवी कैमरे लगाकर निगरानी को मजबूत करना।
3. पुलिस, आबकारी, परिवहन, जीएसटी एवं वन विभाग द्वारा संयुक्त चेकिंग अभियान।
4. हेलीपैड, हवाई अड्डों, बस स्टेशनों और रेलवे स्टेशनों पर कड़ी निगरानी।
5. शराब और नशीली दवाओं के सरगनाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई, देशी शराब के प्रवाह में कटौती, इसे व्यवस्थित रूप से प्लग करने के लिए फॉरवर्ड और बैकवर्ड लिंकेज स्थापित करें।
6. शराब, नकदी, नशीली दवाओं और मुफ्त वस्तुओं के परिवहन के लिए संवेदनशील मार्गों का मानचित्रण।
केंद्रीय एजेंसियों को दिशा-निर्देश —
1. असम राइफल्स द्वारा भारत-म्यांमार सीमा पर कड़ी निगरानी; एसएसबी द्वारा विशेष रूप से नेपाल के साथ छिद्रपूर्ण सीमा वाले क्षेत्रों में भारत नेपाल सीमा; बीएसएफ द्वारा भारत-बांग्लादेश सीमा और पश्चिमी सीमाएँ; भारत-चीन सीमा पर आईटीबीपी द्वारा और तटीय क्षेत्र वाले राज्यों में भारतीय तटरक्षक बल द्वारा निगरानी की जायें।
2. असम राइफल्स राज्य पुलिस, सीएपीएफ आदि के साथ नियमित संयुक्त सुरक्षा समन्वय बैठकें आयोजित करेगी।
3. एसएसबी किसी भी अवैध गतिविधि के लिए नेपाल और बांग्लादेश के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर कड़ी निगरानी रखेगी, खासकर मतदान के 72 घंटे पहले।
4. नागरिक प्रशासन के समन्वय से नव शामिल सीएपीएफ कंपनियों के लिए क्षेत्र से परिचित करायें।
5. राज्य पुलिस के समन्वय से संयुक्त जांच चौकियां भी स्थापित करें।
बैठक में मध्यप्रदेश की मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री अनुपम राजन, पुलिस महानिदेशक श्री सुधीर कुमार सक्सेना एवं अधिकारी उपस्थित थे।
संपादक- श्री कमल गिरी गोस्वामी
Discover more from madhyabharatlive
Subscribe to get the latest posts sent to your email.
हाल ही में प्रकाशित, संबंधित पोस्ट - (Related Posts)
बाबा मित्र मंडल ने निकाली विशाल चुनरी यात्रा
गरबा पंडाल में बालिकाओं की सुरक्षा के स्पेशल महिला बाइकर्स टीम रवाना
कहां चल रहा, सट्टा जुआ का अवैध कारोबार ?