15/11/2024

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अधिकारीक मिलीभगत से सहकारी समिति के सदस्यों द्वारा कूटरचित दस्तावेजों पर ऋण प्राप्त

आवास संघ के तत्कालीन क्षेत्रीय अधिकारी की मिलीभगत से गंगा जमुना सहकारी समिति के सदस्यों द्वारा कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर ऋण प्राप्त कर छल किया गया।

भोपाल। संभागीय जनसम्पर्क अधिकारी मनोज त्रिपाठी भोपाल ने बताया कि आज दिनांक 30/01/2024 माननीय न्यायालय श्रीमान राजीव के. पाल विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) के द्वारा गंगा जमुना गृह निर्माण सस्था के तत्कालीन अध्यक्ष के साथ मिलकर आपराधिक षडयंत्र कर कूटरचित दस्तावेज तैयार कर भवन निर्माण हेतु आवास संघ से ऋण लेकर छल किया।

जिसमें आज दिनांक 30.01.2024 को माननीय विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) के द्वारा आरोपी अरूण मेहरा को धारा 13(1)(डी), 13(2) भ्र.नि.अ. एवं भादवि की धारा 420, 120बी, 467, 468 भादवि में 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं कुल 20,000/- रूपये जुर्माना, आरोपी रामकुमार पंचोली, श्रीमती चंद्रकला, श्रीमती कलसुम बी को 3-3 वर्ष का कारावास एवं कुल 15,000/- का जुर्माना से दण्डित किया गया। उक्त प्रकरण में शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक श्रीमती हेमलता कुशवाह एवं श्री महेन्द्र सिंह दांगी द्वारा पैरवी की गई है।

घटना का संक्षिप्त विवरण :-

वर्ष 1994-95 से 1998-99 के मध्य गंगा जमुना ग़ह निर्माण सस्था के तत्कालीन क्षेत्रीय अधिकारी अरूण मेहरा एवं सदस्य रामकुमार पंचोली, श्रीमती चंद्रकला, श्रीमती कलसुम बी के द्वारा गंगा जमुना गृह निर्माण सस्था के सदस्यों द्वारा आपराधिक षडयंत्र कर कूटरचित दस्तावेज तैयार कर भवन निर्माण हेतु आवास संघ से ऋण लेकर छल किया।

आरोपीगण के विरूद्ध दिनांक 04.02.2004 को ई.ओ.डब्ल्यू. भोपाल में धारा 13(1)(डी)] 13(2) भ्र.नि.अ. एवं धारा 420, 120बी, 467, 468 भादवि के अंतर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई एवं 20.06.2015 को माननीय न्यायालय के समक्ष चालान प्रस्तुत किया गया।

जिसमें आज दिनांक 30.01.2024 को माननीय विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) के द्वारा आरोपी अरूण मेहरा को धारा 13(1)(डी), 13(2) भ्र.नि.अ. एवं भादवि की धारा 420, 120बी, 467, 468 भादवि में 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं कुल 20,000/- रूपये जुर्माना, आरोपी रामकुमार पंचोली, श्रीमती चंद्रकला, श्रीमती कलसुम बी को 3-3 वर्ष का कारावास एवं कुल 15,000/- का जुर्माना से दण्डित करने का निर्णय पारित किया गया।

संपादक- श्री कमल गिरी गोस्वामी

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