उज्जैन। तीर्थ नगरी उज्जैन में चैत्र नवरात्रि का पर्व शक्तिपीठ हरसिद्धि मंदिर में माता के पंचामृत पूजन अभिषेक के साथ आरंभ हुआ। माता को सोलह सिंगार धारण कराए गए।
नौ दिवसीय माता की शक्ति और भक्ति का चैत्र नवरात्रि पर्व पर यहां इन 9 दिनों में माता स्वयं अपनी सिद्धियों का आवर्तन करती हैं और भक्तों को विशेष कृपा प्राप्त होती है। विक्रमादित्य कालीन दीप मालिका यहां नित्य प्रज्वलित होती है और इन 9 दिनों में जो दीपज्योति का दर्शन करते हैं माता की विशेष कृपा उन्हें प्राप्त होती है।
वर्तमान में हरसिद्धि मंदिर में जो विशालकाय दीपस्तंभ है वह विश्व के सर्वाधिक ऊंचाई वाले दीपस्तंभ है और जहां नित्य रोशनी की जाती है। मान्यता है कि ब्रह्मा विष्णु और महेश वैकुंठ लोक और कैलाश से इस ज्योति का दर्शन करते हैं और सकल सृष्टि का कल्याण होता है।
मंदिर के महंत रामचंद्रगिरी गोस्वामी द्वारा बताया गया कि दूर-दराज से श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं और इन 9 दिनों में दर्शन पूजन का विशेष महत्व होता है। यहां मंदिर में सप्तशती पाठ, चंडी पाठ, पूजन -हवन, कन्या पूजन आदि के विशेष कार्यक्रम होते हैं। मुख्य हवन का आयोजन अष्टमी और नवमी की संधि बेला पर किया जाता हे और इसी के साथ चैत्र नवरात्रि की पूर्णता होती हे। इस दौरान 9 दिनों तक यहां भक्तों का तांता लगा रहता है।
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