30/09/2025

madhyabharatlive

Sach Ke Sath

बलात्कार जैसे गंभीर अपराध में एफआईआर दर्ज न करने वाले पुलिसकर्मियों को निलंबित करने के प्रावधान सहित घटना के 10 दिनों के भीतर आरोपी को फांसी देने का बिल पारित।

आज मंगलवार को कोलकाता आरजी अस्पताल में ट्रेनी महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म व हत्या की घटना के बाद बंगाल विधानसभा ने दुष्कर्म के मामलों से जल्दी निपटने के लिए एक संशोधन विधेयक सर्वसम्मति से पारित किया। ममता सरकार द्वारा लाए गए इस विधेयक में दुष्कर्म व हत्या के दोषियों को 10 दिनों के अंदर फांसी की सजा का प्रविधान है।

बंगाल। कहते हैं की “देर आए दुरुस्त आए” कहावत को चरितार्थ करता पश्चिम बंगाल सरकार का फैसला। सरकार ने विधानसभा में एंटी रेप बिल 2024 पारित कर दिया है उक्त विधेयक 5 सितंबर 2024 से लागू हो जाएगा। इस विधेयक में बलात्कार जैसे संगीन मामलों में घटना के मात्र 10 दिवस के अंदर बलात्कारीयों को फांसी की सजा देने का प्रावधान है। इतना ही नहीं बलात्कार जैसे संगीन मामलों में पुलिस थाने में प्रकरण दर्ज न करने पर संबंधित पुलिसकर्मियों को निलंबित करने का भी प्रावधान इस विधेयक में पास किया गया है।

आपको बता दे की आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज कोलकाता की युवा पोस्ट ग्रेजुएट ड्यूटी पर उपस्थित डॉक्टर का वीभत्स तरीके से रेप व मर्डर 9 अगस्त 2024 की रात को हुआ जिससे सम्पूर्ण देश व चिकित्सा जगत में रोष व्याप्त है।

उक्त घटना के कारण उत्पन्न स्थिति को कोलकाता कॉलेज प्रशासन व पुलिस प्रशासन द्वारा जानबूझकर हल्के में लिया गया व जांच पड़ताल में जानबूझकर लेट लतीफी की गई थी। पुलिस प्रशासन के देखरेख में ही अनियंत्रित और असामाजिक गुंडों द्वारा सबूत के साथ छेड़छाड़ की गई थी, गुंडो की भीड़ ने उस हिस्से में भी तोड़फोड़ की जहां मृतक पीड़िता का शव रखा था।

Now rapists are in trouble, they will be hanged in just 10 days

कोलकाता हाई कोर्ट भी पुलिस प्रशासन की पड़ताल से संतुष्ट नहीं थी व उन्होंने जांच को सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया था। इतना ही नहीं प्रोटेस्ट कर रहे छात्रों पर भीड़ द्वारा हमला भी किया जाकर दहशत का माहौल पैदा किया गया था। 

उक्त घटना को लेकर संपूर्ण देश में डॉक्टरो के द्वारा हड़ताल भी की गई थी। मीडिया ने भी इस मामले को पुरजोर तरीके से सहयोग प्रदान किया व सरकार को पीड़िता के साथ न्याय करने के लिए निवेदन किया। जिसके बाद पश्चिम बंगाल सरकार के द्वारा यह बिल विधानसभा में पारित कर गवर्नमेंट ऑफ़ पश्चिम बंगाल लॉ डिपार्टमेंट को भेजा गया। यह बिल 5 सितंबर से पश्चिम बंगाल में लागू हो जाएगा।

संपादक- श्री कमल गिरी गोस्वामी