madhyabharatlive

Sach Ke Sath

तुम्हारी औकात क्या है? और ड्राइवर ने औकात बता दी

DM ने कहा तुम्हारी औकात क्या है और ड्राइवर ने औकात बता दी।

शाजापुर। (सुरेन्द्र अग्रवाल) शाजापुर कलेक्टर को मात्र 24 घंटे में कलेक्टर पद से हटा कर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पूरे प्रदेशवासियों का दिल जीत लिया है।

मामला हिट एंड रन के नए प्रावधान का।

नये ट्राफिक नियमों को लेकर पूरे प्रदेश में ड्राइवरों ने हड़ताल कर दी थी। प्रदेश सरकार के निर्देश पर आम जनजीवन को परेशानियों से बचाने के लिए सभी जिला कलेक्टरों ने ड्राइवर और ट्रांसपोर्टर की बैठक बुलाई थी।

इसी कड़ी में शाजापुर कलेक्टर किशोर कन्याल जब ड्राइवरों की बैठक ले रहे थे तो एक ड्राईवर भग्गू अहिरवार ने कोई बात कह डाली। इससे कलेक्टर साहब का पारा चढ़ गया और उन्होंने भरी मीटिंग में ड्राइवर से कह दिया कि ‘तुम्हारी औकात क्या है’ इस पर ड्राइवर ने जबाव दिया “यही तो हमारी लड़ाई है कि हमारी कोई औकात नहीं है।

कलेक्टर का यही कहना उन्हें भारी पड़ गया और ड्राइवर का तो कुछ नहीं बिगड़ा, कलेक्टर साहब स्वयं पटरी से उतर गए। हमारे पुराणों और शास्त्रों में भी वाणी से जुड़े तमाम प्रसंग मौजूद हैं। जिनमें यह संदेश दिया गया है कि वाणी पर संयम रखना चाहिए। महाभारत में प्रसंग आता है जब द्रोपदी ने दुर्योधन से कह दिया था कि अंधे का बेटा अंधा। उसका परिणाम क्या हुआ था यह सर्वविदित है।

18 महीने की अल्पावधि में कांग्रेस सरकार के दौरान सिंधिया जी ने कुछ बातों को लेकर कहा कि उनकी पूर्ति नहीं की गई तो वह, सड़क पर उतर जाएंगे। इसके प्रत्युत्तर में कमलनाथ ने सिंधिया को जबाब दिया कि उतर जाइए। फलस्वरूप उनकी सरकार ही सड़क पर उतर गई थी।

कलेक्टर और ड्राइवर के बीच हुई नोंक-झोंक जब मुख्यमंत्री के संज्ञान में आई तो उन्होंने बिना किसी बिलंब के त्वरित कार्रवाई करते हुए कलेक्टर को हटा दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक अधिकारी को इस तरह की भाषा बोलना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि इस तरह की बात को कभी क्षमा नहीं करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा मनुष्यता के नाते ऐसी भाषा हमारी सरकार में बर्दाश्त नहीं, मैं खुद मजदूर का बेटा हूं।

मुख्यमंत्री ने शाजापुर कलेक्टर को हटा कर सभी अधिकारियों को बहुत कड़ा संदेश दिया है।जिसकी सर्वत्र प्रशंसा की जा रही है। मुख्यमंत्री ने एक तीर से कई निशाने साधे हैं। यह संदेश केवल ब्यूरोक्रेसी को ही नहीं है, सभी जनप्रतिनिधियों के लिए भी उतना ही असरकारी रहेगा। हमारे देश के नेताओं को कुछ भी बोलने की बड़ी आजादी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी पर कितने जहरीले तीर छोड़े गए हैं। कभी मौत का सौदागर तो कभी चाय वाला।

इसलिए यह नसीहत दी गई है कि –

ऐसी वाणी बोलिए अपना आपा खोए।
औरों को शीतल करे, आपहु शीतल होय।।

संपादक- श्री कमल गिरी गोस्वामी

Discover more from madhyabharatlive

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading