madhyabharatlive

Sach Ke Sath

The arbitrariness of liquor traders or rather liquor contractors

The arbitrariness of liquor traders or rather liquor contractors

शराब व्यापारी या यूं कहे कि शराब ठेकेदारों की मनमानी

धार। मध्य प्रदेश में 1 अप्रैल से नई शराब नीति लागू हो गई है, वहीं नई शराब नीति को लागू होने के बाद कई प्रकार की कवायद की जा रही है। जिनमें सबसे ज्यादा 12000 करोड़ से ज्यादा के राजस्व के टारगेट की आबकारी विभाग के द्वारा योजना बनाई गई है। वहीं समस्त जिलों में विभागीय सूत्रों के अनुसार सिंडिकेट को खत्म करते हुए समूह ठेके देने का प्रावधान जारी कर दिया गया।

मध्य प्रदेश के धार जिले की बात की जाए तो इस जिले को आदिवासी बहुल जिले के नाम से जाना जाता है। इस जिले की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह मध्य प्रदेश का एक ऐसा जिला है, जहां पर शराब का अवैध व्यापार सबसे अधिक होता है। उसके साथ ही यहां पर शराब व्यापारियों द्वारा मनमानी का भी एक अलग ही आलम है।

वैसे तो खुदरा मूल्य से अधिक मूल्य पर किसी भी वस्तु को विक्रय करने पर कानूनन सजा का प्रावधान है। पर शराब विक्रेताओं के लिए कोई कानून लागू नहीं होता।

जी हां हम आपको बता दें की धार जिले में शराब ठेकों को लेकर ठाकुरों का राज कई वर्षों से चल रहा है। इनकी इतनी मनमानी चल रही है कि आबकारी विभाग भी आंखें मूंदे बैठा हुआ है। आबकारी विभाग के सैकड़ो अधिकारी जिले में कई प्रकार के नियमों की धज्जियां खुलेआम उडा रहे। या यूँ कहे की आंख मूंदे देख रहे हैं या फिर यूं कहें कि सिखों की खनक के नीचे नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है।

1 अप्रैल से शराब ठेको के परिवर्तन के बाद शराब व्यापारियों ने अपनी मनमानी प्रारंभ कर दी। उनकी मनमानी का आलम यह है कि प्रत्येक बोतलों पर एमआरपी या एमएसपी मैक्सिमम सेल प्राइस अधिकतम बिक्री मूल्य से भी अधिक कीमत पर शराब की बोतल बेची जा रही।।

बात अगर सिर्फ बियर की बोतल की की जाए तो बियर की बोतल के ऊपर एमएसपी मैक्सिमम सेल प्राइस 127 रुपए एवं एमआरपी मैक्सिमम रिटेल प्राइस 140 रुपए हैं। इन बियर की बोतलों को शराब ठेकेदार की मनमानी के चलते ₹170 से ₹180 के बीच बेचा जा रहा है।

समस्त विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारी इन सारी हरकतों को क्यों अनदेखी कर रहे हैं यह तो सिर्फ वो ही जानते है, या फिर यूं कहें कि सिखों की खनक के नीचे शराब व्यापारियों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं जो नियमों को तक पर रख अपने कार्य को अंजाम दे रहे हैं।

कोई भी खुदरा व्यपारी या दुकानदार एमआरपी से ज्यादा पैसे की मांग करता है तो आप फौरन राष्ट्रीय ग्राहक हेल्पलाइन नंबर 1915 पर कॉल करें और अपनी शिकायत दर्ज करें। आप चाहें तो नेशनल कंस्यूमर हेल्पलाइन की वेबसाइट https://consumerhelpline.gov.in/ के माध्यम से भी शिकायत कर सकते हैं। 

प्रधान संपादक- कमलगिरी गोस्वामी

Spread the love