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व्यापारी को अय्याशी महंगी पड़ गई, महिला ले गई लाखों रुपए

गर्लफ्रेंड ने उज्जैन के ठेकेदार की “तमन्ना” पूरी कर उड़ा दिए 6 लाख।

होटल में तमन्ना के साथ रुका, सुबह उठा तो वो गायब थी और 6 लाख रुपये से भरा बैग भी।

इंदौर। उज्जैन का रहने वाला ठेकेदार अपनी दोस्त तमन्ना के साथ इंदौर के एक होटल में रुका था। सुबह-सुबह जब उसकी नींद खुली तो दोस्त रूम में नहीं दिखी। इधर-उधर देखा तो 6 लाख रुपये से भरा बैग भी गायब था।

इंदौर लसूड़िया थाना क्षेत्र में उज्जैन का ठेकेदार अपनी महिला दोस्त के साथ होटल में रुका था। जब सुबह उठा तो उसका रुपयों से भरा बैग नहीं था। इस पर उसने महिला पर चोरी की आशंका जताई थी।

इसके बाद पुलिस ने आरोपित महिला को गिरफ्तार कर उससे छह लाख रुपये बरामद कर लिए हैं। डीसीपी अभिनय विश्वकर्मा ने बताया कि फरियादी हरीश कुमार निवासी उज्जैन ने रिपोर्ट किया कि वह कंसट्रक्शन का कारोबार करता है।

छह लाख रुपये लेकर वह बुधवार को अपनी महिला दोस्त तमन्ना के साथ निपानिया स्थित रामादा होटल में रुका था। सुबह जब उठा तो रुपयों का बैग गायब था और तमन्ना भी नहीं थी। इस पर पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से तमन्ना की तलाश शुरू की तो वह महालक्ष्मी नगर में मिली।

उसने पूछताछ में बताया कि रुपये देखकर मन में लालच आ गया था, इसलिए लेकर घर आ गई। आरोपित ने ये रुपये मकान के पास झाड़ियों में छिपा दिए थे। इसे पुलिस ने बरामद कर लिया है।

रात में तमन्ना के साथ होटल में रुके ठेकेदार हरीश के पास 6 लाख रुपये से भरा बैग था। उसे अपनी दोस्त पर भरोसा था। रातभर वो साथ रहे। इधर तमन्ना ने जब इतने पैसे एक साथ देखे, तो उसके मन में लालच आ गया था।

अब वो किसी भी तरह इन पैसों को पाना चाहती थी। रात में जब हरीश की नींद लग गई तो तमन्ना बैग उठाकर वहां से भाग निकली। इसके बाद वो महालक्ष्मी नगर इलाके में अपने घर पहुंची। उसे आशंका थी कि पुलिस इस मामले में उससे जरूर पूछताछ करेगी।

तमन्ना ने इसके बाद बैग को घर के बाहर ही कहीं छिपाने का प्लान बनाया। रात में ही उसने आस-पास जगह तलाशी तो झाड़‍ियां नजर आईं। इसके बाद उसने बैग को उन्हीं के अंदर रख दिया। पुलिस ने जब उससे सख्ती से पूछताछ की तो वो टूट गई और अपना गुनाह कबूल कर लिया।

इधर न्यूज चैनल के सूत्रों का कहना है तमन्ना हरीश ठेकेदार की महिला मित्र नहीं बल्कि कॉल गर्ल थी जो व्यापारी की तमन्ना पूरी कर मौका देख रुपयों से भरा बैग लेकर रफूचक्कर हो गई थी। व्यापारी को अय्याशी महंगी पड़ गई।

संपादक- श्री कमल गिरी गोस्वामी

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