सीईओ सरदारपुर की लापरवाही आई सामने शासन की योजनाओं का लाभ से आम आदमी हो रहा वंचित!
सरदारपुर/धार। (जितेंद्र जैन) धार जिला आदिवासी बहुल जिला हैं, राज्य सरकार जनजातीय वर्ग के कल्याण के लिए अनेक योजनाओं को संचालित कर रही हैं। किंतु इन योजनाओं का लाभ राज्य सरकार के नौकरशाह अपने कार्य के प्रति घोर लापरवाही बरत रहे हैं जिससे जिले के जनजातीय वर्ग को शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। यह योजनाएं सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह गई हैं।
आपको बता दें कि धार जिले की सरदारपुर जनपद पंचायत के हाल बेहाल हैं। अगर आप जनपद पंचायत में जायेगे तो कार्यालय के कर्मचारी नदारद रहते है और उन्हें ढूढना पड़ता हैं। बगैर सूचना के गायब रहते है। शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी आम आदमी को नहीं मिल पा रही हैं और जानकारी होने के बावजूद राज्य सरकार के अधिकारी, कर्मचारी आम जनता को सहयोग न करते हुए उन्हें कागजी कार्यवाही के नाम पर डराते है और इतना अधिक परेशान कर देते है कि आम आदमी थक हारकर घर बैठ जाता हैं।
जनपद पंचायत के चक्कर लगाते रहो और कोई सुनवाई नहीं होती हैं। शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ यह अधिकारी कर्मचारी अपनी जेब भरने में लगे रहते है और कागजों पर ही योजनाओं को संचालित कर रहे हैं। धरातल पर कोई 25 प्रतिशत कार्य भी नहीं मिलता हैं।
सीईओ की लापरवाही आई सामने—
सरदारपुर जनपद पंचायत सीईओ प्रभात दिवेदी से जब इस संबंध में रूबरू चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि हमारे यहां कर्मचारी ही नहीं है तो हम काम क्या करें, हम शासन को लिखित में दे चुके हैं। सीईओ दिवेदी का कहना है कि आपको कोई जानकारी चाहिए तो सीधे ग्राम पंचायत से संपर्क करें। हमारे यहां कोई कागज़ दे तो 15 दिन कागज ऐसे ही पड़े रहेंगे। हमारे पास स्टॉफ की कमी है। किंतु जो स्टाफ हैं वह भी गायब रहता है। कुर्सी खाली पड़ी रहती हैं उस कर्मचारी को ढूढना पड़ता है और कुछ कर्मचारी छुट्टी पर गए हैं तो दो दिन बाद आना यह आलम है। जनपद पंचायत सरदारपुर अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है और निकम्मे अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हुए हैं। क्षेत्र की जनता परेशान हो रही हैं। शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ इन आदिवासियों को नहीं मिल पा रहा है।
पूरे जनपद पंचायत के कक्षों में आप घूमकर वापस आ जाए कोई जिम्मेदार कर्मचारी अपनी कुर्सी पर नहीं मिलेगा। ऐसे में अगर कार्यालय में पड़े बेस कीमती डॉक्यूमेंट कहीं इधर-उधर हो जाए तो कौन इनका जिम्मेदार होगा। क्योंकि अधिकारी कर्मचारी तो अपने कार्यालय में मिलते नहीं है सभी अपने कार्यालय को खोलकर इधर-उधर चले जाते हैं जिसकी वजह से कार्यालय खुले पड़े रहते हैं।
पूरे सरदारपुर जनपद पंचायत ग्राम पंचायत में भी यही हाल है। सरपंच, सचिव, मनमानी कर रहे है और जनपद पंचायत में बाबू मनमानी कर रहे। सीईओ प्रभात दिवेदी का गैर जिम्मेदार रवैया इसके लिए जिम्मेदार है।
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