प्राचार्य रहे नदारद अमझेरा विघालय में नही मना गुरु पूर्णिमा उत्सव, लगे रहे ताले, बाहर खड़े रहे विद्यार्थी, शासन के आदेशों की खूब उड़ाई धज्जियां।
सरदारपुर/धार। (प्रबंध संपादक कपिल पारीख) आदेश के बाद भी अमझेरा शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में गुरु पूर्णिमा उत्सव का आयोजन नहीं हुआ। विद्यालय के प्राचार्य नदारद रहे। कार्यक्रम में शामिल होने और गुरुओं का आशीर्वाद लेने आए बच्चे विद्यालय के ताले लगे गेट के बाहर घंटों खड़े रहे और इंतजार करते रहे। आखिरकार हार मानकर वह वापस घर लौट गए। विभाग के अधिकारियों ने शासकीय आदेशों की अनदेखी करने पर कार्यवाही की बात कही है।
दरअसल मप्र शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा एक अभिनव पहल करते हुए सभी शासकीय एवं निजी विद्यालयों मे गुरू पूर्णिमा का दो दिवसीय उत्सव मनाने के निर्देश दिये गये थे। पूरे प्रदेश और जिले के अंचलों में आयोजन हुए। उसके बाद भी नगर के प्रमुख विद्यालय महाराजा बख्तावर सिह शाउमावि मे ताले लगे रहे। कई बच्चे स्कूल के गेट के बाहर बैठ कर घर चले गये। विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य के शासकीय आदेशों और विद्यार्थियों के भविष्य से जुड़े इस मसले के प्रति इस व्यवहार को लेकर रोष देखने को मिला। जबकि नगर के निजी और अन्य प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में आयोजन चलते रहे। रविवार की छुट्टी मनाने की चाह में शासकीय आदेशों की धज्जियां उड़ाई गई।
यह है दो दिवसीय आयोजन का शिक्षा विभाग का आदेश —
स्कूल शिक्षा विभाग के उपसचिव प्रमोद सिह द्वारा दिनांक 17 जुलाई को एक आदेश जारी किया था। जिसमे निर्देशित किया गया था की गुरु पूर्णिमा के अवसर पर दो दिवसीय उत्सव मनाया जाना हे। इसमें 20 जुलाई को प्रार्थना सभा के बाद भारतीय संस्कृति में गुरु पूर्णिमा के महत्व और गुरु शिष्य परंपरा के विषय में विद्यार्थियों को जानकारी दी जानी थी। गुरु पूर्णिमा के दिन विद्यालयों में सरस्वती पूजन और गुरु पूजन कर कार्यक्रम का आयोजन करना था। जिसमे निबंध लेखन के साथ गणमान्य नागरिक सेवानिवृत शिक्षकों आदि को आमंत्रित कर उन्हे सम्मानित करना था। किन्तु नगर के सबसे बड़े विद्यालय मे कार्यक्रम नही होना जन चर्चा का विषय रहा। वही नगर के अन्य शासकीय विद्यालयों मे गरिमामय कार्यक्रम आयोजित किये गये।
विद्यालय के प्रमुख गेट पर लगा रहा ताला, परेशान हुए विद्यार्थी —
सरकारी आदेशों की धज्जियां विद्यालय प्रबंधन द्वारा उड़ाई गई। दिनभर विद्यालय के प्रमुख द्वार पर ताला लगा रहा। इस दौरान नगर एवं आदिवासी क्षेत्र के विद्यार्थी स्कूल पहुंचे जो विद्यालय में ताला लगा देख हैरान हो गए। घंटों उन्होंने विद्यालय के मुख्य द्वार पर बैठकर इंतजार किया। उसके बाद निराश होकर वह घर की ओर लौट गए। विद्यार्थियों ने बताया कि हमें कहां गया था कि रविवार को गुरु पूर्णिमा उत्सव का आयोजन होगा।
प्राचार्य का गैर जिम्मेदाना बयान —
इधर इस विषय में संस्था के प्रभारी प्राचार्य सैफुद्दीन शेख ने मौके की नजाकत देख मनमाना बयान दिया। गैर जिम्मेदाराना और हास्यास्पद बयान देते हुए उन्होंने कहा कि हमने शनिवार को ही विद्यालय में गुरु पूर्णिमा उत्सव मना लिया है। जबकि मध्य प्रदेश सरकार ने शनिवार और रविवार दोनों दिन गुरु पूर्णिमा उत्सव आयोजित कर संस्था प्रमुखों और शिक्षकों को विद्यालय में उपस्थित रहने के आदेश दिए थे। रविवार को छुट्टी मनाने की चाह में प्रभारी प्राचार्य द्वारा शासन के आदेशों की धज्जियां उड़ा दी गई।
प्रभारी प्राचार्य से चर्चा करूंगा, कार्यवाही होगी —
मध्य प्रदेश शासन के आदेश अनुसार गुरु पूर्णिमा का उत्सव सभी विद्यालयों मे मनाया जाना था। आज अमझेरा के स्कूल मे क्यो कार्यक्रम नही हुआ प्रभारी से चर्चा करता हू। जानकारी प्राप्त कर कार्यवाही करेंगे। शासन और विभाग के आदेशों की अवहेलना बर्दाश्त नहीं होगी। बृजकांत शुक्ला। सहायक आयुक्त जनजातीय विभाग धार।
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