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Sach Ke Sath

धार। कहने को तो डॉक्टर को भगवान का रूप माना जाता है, पर शासकीय सेवा में डॉक्टर जिम्मेदारी से अपना कार्य नहीं करते हैं।

जहां एक ओर मध्य प्रदेश सरकार ने गरीब एवं आम जनता की सुविधा के लिए कई योजनाएं चलाकर इलाज मुहैया करवाने के प्रयास किए जा रहे हैं, वही यहां चंद डॉक्टर शासन की योजनाओं को दरकिनार करते हुए गरीब जनता को परेशान होने के लिए छोड़ देते है।

 

आपको बता दे की धार जिला चिकित्सालय में इलाज के लिए आए एक नन्हे बालक जिसकी उम्र 5 से 8 वर्ष है, उक्त बालक हड्डी रोग के इलाज के दौरान जिला चिकित्सालय में भर्ती रहा जब वह ड्रेसिंग रूम में गया तो डॉक्टरों ने उसका प्लास्टर काटने की जगह उसके परिवार जनों को यह कह कर बाहर निकाल दिया कि इसका प्लास्टर आप बाहर काटीए और उन्होंने स्वयं के पैसे से ब्लैड (रेजर पत्ती) खरीद कर उस बच्चे का प्लास्टर काटा जिससे बच्चा काफी समय तक दर्द के कारण चिल्लाता रहा, पर गरीबों की कौन सुनेगा।

हालांकि इस संबंध में जिला चिकित्सालय के किसी भी जिम्मेदार अधिकारी या डॉक्टर्स से बात नहीं हो पाई।

संपादक- श्री कमल गिरी गोस्वामी

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