19/05/2025

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नर्सिंग कॉलेज के मालिक पर आत्महत्या के लिए उकसाने का प्रकरण दर्ज किया जाए तथा छात्रवृत्ति घोटाले में इसके शामिल होने की जांच की जाए – विधायक ग्रेवाल।

मध्यप्रदेश विधानसभा में इस प्रकरण को उठाया जाएगा।

धार। ज्ञान स्कूल ऑफ़ नर्सिंग द्वारा प्रताड़ित आदिवासी छात्रा कमला डामोर से सरदारपुर विधायक प्रताप ग्रेवाल द्वारा रविवार को धार जिला अस्पताल पहुचकर मुलाकात कर उपचार रत छात्रा की जानकारी ली गई। विधायक ग्रेवाल ने कहा कि कालेज प्रशासन द्वारा एलफीस की मांग करना सरासर गलत है, जबकि आदिवासी छात्रों की पूरी फीस शासन द्वारा दी जा रही है, इससे साफ नजर आता है कि यह नर्सिंग स्कूल छात्रवृत्ति घोटाले में शामिल है।

वह आदिवासी छात्रों पर दबाव बनाकर अनावश्यक राशि वसूल कर रहा है। कमला डामोर के आत्महत्या के प्रयास में ज्ञान नर्सिंग स्कूल के मालिकों पर आत्महत्या के लिए उकसाने का प्रकरण दर्ज किया जाना चाहिए!

सरदारपुर विधायक प्रताप ग्रेवाल ने पूछा कि जब शासन पूरी फीस दे रहा है, फिर कमला डामोर से प्रथम वर्ष की फीस कैसे वसूल की गई और दूसरे वर्ष की फीस और शेष वर्ष की फीस की मांग क्यों की गई। तथा उसके दस्तावेज को गैरकानूनी रुप से बिना‌ किसी आदेश के क्यों रोका गया।

विधायक ग्रेवाल ने कहा कि कमला डामोर की आत्महत्या का प्रयास शासन के मुंह पर तमाचा है। शासन द्वारा आदिवासी छात्रों की पूरी फीस देने की घोषणा मात्र ढकोसला है। जबकि कालेज प्रशासन उनसे पूरी फीस वसूल कर रहा है। साथ ही शासन में बैठे नेता और प्रशासन मिलकर आदिवासी छात्रों के छात्रवृत्ति और फीस के नाम पर करोड़ों रुपए डकार रहे हैं।

प्रताप ग्रेवाल ने कहा कि भाजपा शासन द्वारा पिछले 15 सालों से छात्रवृत्ति और फीस घोटाले को लेकर अड़तीस हजार करोड़ के घोटाले की जांच को आज तक दबा कर रखा गया है। कमला डामोर के प्रकरण ने यह सिद्ध कर दिया कि आदिवासी छात्रों के नाम पर छात्रवृत्ति और फीस घोटाले को लेकर तीन हजार करोड़ का होने वाला प्रतिवर्ष घोटाला आज भी बदस्तूर जारी है।

विधायक प्रताप ग्रेवाल ने कहा कि कमला डामोर द्वारा हत्या करने का प्रयास, पुलिस द्वारा प्रकरण दर्ज करने में आनाकानी तथा ज्ञान स्कूल आफ नर्सिंग के मालिक पर आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा में प्रकरण दर्ज नहीं करना, ज्ञान स्कूल आफ नर्सिंग द्वारा छात्रा से प्रथम वर्ष की फीस वसूलना तथा उसके दस्तावेज को रोके रखने तथा उससे तीन लाख की गैर कानूनी मांग करने का सवाल विधानसभा में उठाएंगे।

संपादक- श्री कमल गिरी गोस्वामी

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