अहमदाबाद के तीर्थयात्री पर्यटक की मांडू भ्रमण के दौरान मौत, मांडू में वेंटिलेटर पर स्वास्थ्य सुविधाए।
प्रथम दृष्टया हार्ट अटैक कारण बता रहे डॉक्टर, स्वजनों का हुआ रो-रो कर बुरा हाल, रूपमती महल के नीचे अचानक बिगड़ी तबीयत।
धार। मांडू में अहमदाबाद से आए जैन तीर्थ यात्री और पर्यटक की हार्ट अटैक से मौत हो गई। घटना शनिवार सुबह 11 बजे की है। ऐतिहासिक रूपमती महल के नीचे क्षेत्र में अचानक पर्यटक की तबीयत बिगड़ी। पर्यटक के परिवार को मांडू के अस्पताल की खराब स्थिति की जानकारी मिलने के बाद सीधे नालछा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर परिजन और स्थानीय निवासी ले गए। जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बावीन शाह 48 वर्ष निवासी अहमदाबाद गुजरात अपने परिजनों और अन्य साथियों के साथ शुक्रवार रात को मांडू पहुंचे थे। मुख्य रूप से वह मांडू स्थित जैन तीर्थ पर दर्शन के लिए आए थे। सुबह दर्शन करने के बाद अपने साथियों के साथ वह रानी रूपमती महल घूमने के लिए गए। इस दौरान रूपमती महल के नीचे क्षेत्र में अचानक उन्हें घबराहट हुई। इस दौरान एक पर्यटक एक अन्य वाहन में एयर कंडीशनर चालू कर कर कुछ देर बिठाया। स्वजनों को जानकारी मिलने के बाद तत्काल उन्हें नालछा के अस्पताल ले जाया गया। जहां तीर्थ यात्री पर्यटक को मृत घोषित कर दिया गया।
स्वजनों और समाज जनों के साथ तीर्थ यात्रा पर निकले गुजरात के इस परिवार के साथ अनहोनी घटना होने के बाद सभी साथीगण बेहद दुखी थे और उनका रो-रो कर बुरा हाल था।
ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर जोगिंदर डावर ने बताया कि यहां पहुंचने के लगभग 20 मिनट पहले ही बावीन ने दम तोड़ दिया था। हमने यहां उसके बाद भी कोशिश की पर वो पहले ही मर चुके थे। स्वजनों को मौत की जानकारी दे दी पर वह नहीं माने। उन्होंने कहा कि हम उन्हें धार किसी बड़े हार्ट स्पेशलिस्ट को दिखाने के लिए यहां से ले जाना चाहते हैं और वह यहां से धार की ओर रवाना हो गए।
विश्व पर्यटन नगरी मांडू में वेंटिलेटर पर स्वास्थ्य सुविधाएं सरकार के दावे खोखले —
देश का बड़ा पर्यटन स्थल होने के बाद भी मांडू में स्वास्थ्य सेवाएं खुद वेंटिलेटर पर हैं। हालत यह है कि यहां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भी नहीं है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है। जहां स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाली हमेशा चर्चाओं का केंद्र रहती है। जिले के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और प्रशासनिक अधिकारी मांडू के हालातो से परिचित हैं। पूर्व में भी यहां समय पर स्वास्थ्य सेवाएं न मिलने के कारण पर्यटक दम तोड़ चुके हैं।
बावजूद इसके जवाबदारों को इस गंभीर स्थिति से कोई लेना-देना नहीं है। महत्वपूर्ण अतिथियो के मांडू आने पर प्रशासन ताबड़तोड़ यहां सारी व्यवस्थाएं जमा देता है पर यहां आने वाले लाखों सैलानियों से उन्हें कोई लेना-देना नहीं है। पिछले दिनों यहां एक बालक को स्वान (कुत्ता) काटने के बाद टिटनेस और रेबीज के इंजेक्शन तक नहीं मिल पाए थे।
लोगों का मानना है कि अगर मांडू के अस्पताल में सुविधा होती तो गुजरात के पर्यटक को यहां लाया जाता तो हो सकता है समय रहते उसकी जान बच जाती है। अटैक आने के बाद उसे मांडू से नालछा स्वास्थ्य केंद्र पहुंचने में लगभग आधा घंटा लग गया जिसके कारण उसकी मौत हो गई। पर्यटन स्थलों और आदिवासी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर किए जाने वाले प्रशासन और सरकार के वादे जमीन पर बेहद खोखले नजर आते हैं।
कपिल पारिख की खास रिपोर्ट —
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