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Carrying a gun proved costly, he used to carry a country-made pistol to rob and extort money

Carrying a gun proved costly, he used to carry a country-made pistol to rob and extort money

बंदूक लेकर घूमना पड़ा महंगा, रॉब व रंगदारी के लिए लेकर घूमते थे देसी कट्टा

महंगे शौक पूरा करने के लिए चुराते थे बाइक, रोब व रंगदारी के लिए लेकर घूमते थे देसी कट्टा।

देसी कट्टा जिंदा कारतूस और चुराई हुई बाइक के साथ दो आरोपी गिरफ्तार।

धार। नालछा थाना अंतर्गत ग्राम भड़किया से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन आरोपियों के पास से अवैध देसी कट्टा, जिंदा कारतूस एवं चुराई हुई पल्सर बाइक बरामद की गई है। आरोपियों को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया है। बताया जाता है कि आरोपी महंगे शोक पूरा करने के लिए यह चोरी की वारदात करते थे। लोगों पर रोब जमाने व रंगदारी करने के लिए देसी कट्टा लेकर घूमते थे।

थाना प्रभारी द्वारा बताया गया कि मुखबीर से सूचना मिली थी कि कुछ लोग देसी कट्टा लेकर घूम रहे हैं। वह लोग बाइक चुराने के गिरोह में शामिल है। इसी आधार पर सघन जांच अभियान चलाया गया इसी कड़ी में थाने के ग्राम भड़कीया से दो युवकों को गिरफ्तार किया गया। इन युवकों के पास से अवैध देसी कट्टा, जिंदा कारतूस एवं चुराई गई पल्सर बाइक बरामद की गई है। थाना प्रभारी – राहुल चौहान।

पुलिस के अनुसार आरोपी दिलीप पिता रघुनाथ भाबर 22 वर्ष ग्राम आली एवं राजेश पिता दिनेश डावर 20 वर्ष निवासी ग्राम आली के विरुद्ध आयुष अधिनियम एवं अन्य धाराओं में गिरफ्तार करने के बाद दोनों आरोपियों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज कर न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया है।

महंगे शौक पूरा करने के लिए कम उम्र में बने आरोपी —

थाना प्रभारी श्री चौहान ने बताया की दोनो आरोपीयो की उम्र 20 एवं 22 वर्ष की ही है। पूछताछ में पता चला कि कम उम्र में महंगे शोक पूरा करने के लिए वह चोरी की वारदात करने लग गए। साथ ही लोगों पर रोब झाड़ने व रंगदारी करने के लिए देसी कट्टे का उपयोग करते थे। आरोपियों के पास से अन्य और भी दोपहिया वाहन चुराए जाने की जानकारी मिलने की संभावना है। आरोपी को जेल भेजने के बाद मामला विवेचना में भी है।

इनका रहा सराहनीय कार्य —

कार्रवाई में मुख्य रूप से एसआई प्रकाश अलावा, ए एस आई मानसिंह खराड़ी, प्रधान आरक्षक धर्मेश राजू रैकवार, आरक्षक विकास एवं प्रधान आरक्षक युवराज, सैनिक राकेश का सराहनीय योगदान रहा।

संपादक- श्री कमल गिरी गोस्वामी

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