धार भोजशाला सर्वे: आज हुई फोटो वीडियोग्राफी, अक्कल कुइया के पास भी मिले तीन रास्ते, जीपीएस मशीन के साथ आएंगे साइंटिस्ट जांच करने।
धार। राजा भोज की नगरी धार में भोजशाला (सरस्वती मंदिर) का सर्वे लगातार जारी है मुस्लिम समुदाय के द्वारा सर्वे पर लगाई गई रोक को सुप्रीम कोर्ट ने दो बार खारिज कर दिया। आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया की टीम के द्वारा किए जा रहे सर्वे का आज 21 वां दिन था।
आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम ने सुबह भोजशाला में 18 सदस्यों के साथ प्रवेश किया था। वहीं 33 मजदूर भी टीम के साथ अंदर गए। टीम के साथ हिंदू संगठन और मुस्लिम पक्षकार भी सर्वे के प्रत्यक्षदर्शी रहे।
टीम ने अकल कुइयां के साथ-साथ भोजशाला परिसर के पीछे भी सर्वे किया। अकल कुइया के बारे में बताया जाता है कि राजा भोज मां सरस्वती के बड़े उपासक थे। जिन्होंने वरदान स्वरूप मां सरस्वती से यह वरदान मांगा था। जिसके कारण उन्होंने वहां पर अपना जल प्रकट किया था। जिस जल को पीने से वहां पर शिक्षा ग्रहण करने वाले शिष्यों पर मां सरस्वती कृपा बरसाती थी। और वह बड़े ही ज्ञानवान बनकर वहां से निकलते थे। इस कुइया को आज अकलकुइया के नाम से जाना जाता है। अकल का मतलब बुद्धि से है। साथ ही भोजशाला में फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की गई।
भोजशाला में विशेष जांच के लिए जीपीएस और जीपीआर मशीन पहुंचने वाली है।
अक्कल कुइया के पास एक गोमुख भी बना हुआ है, उसकी भी आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया के अधिकारियों ने जांच की है। हिंदू संगठन का दावा है कि इस गोमुख के जल से सरस्वती माता का अभिषेक किया जाता था। वह जल सरस्वती कुए में गोमुख के जरिए आता था। वहीं अकल कुइया में तीन रास्ते भी आ रहे हैं। कहां से आ रहे हैं। जीसकी सर्वे टीम द्वारा जांच की जाएगी।
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