वर्षाकाल में शाला भवनों के रख रखाव हेतु निर्देश जारी।
राजगढ। (बीपी गोस्वामी) जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा कक्षा 1 से 12 तक के समस्त शालाओं के शाला प्रभारी / प्रधानाध्यापक / प्राचार्य को निर्देशित किया है, कि शालाओं का संचालन सुदृढ़ एवं सुरक्षित भवनों में ही किया जाए। शाला परिसर अथवा निकट के शासकीय भवनों का उपयोग कर सकते है।
किसी भी प्रकार से असुरक्षित कक्ष / भवन में शाला का संचालन करना गैर जिम्मेदाराना कृत्य है। यदि शाला परिसर में पुराना अनुपयोगी जीर्ण-शीर्ण भवन का ढाँचा उपलब्ध है, तो उसे एस.एम.सी. अथवा स्थानीय ग्राम पंचायत के माध्यम से हटवाना सुनिश्चित करें अथवा वर्तमान में ऐसे स्थान पर सूचना एवं चिंहाकित करें ताकि बच्चे एवं अन्य उसमें प्रवेश न करें। किसी भी प्रकार से अप्रिय स्थिति निर्मित न हो।
वर्षाकाल में छत से पानी का रिसाव होने की समस्या होती है। इसके निराकरण हेतु स्थानीय स्तर पर प्रयास एवं सुधार करके निराकरण किया जा सकता है। शाला में आकस्मिक निधि/ रखरखाव निधि का आवंटन इस हेतु उपलब्ध है।
निम्न व्यवस्था कर वर्षाकाल के दौरान शाला संचालन सफलतापूर्वक किया जा सकता है। भवन की छत पर सफाई करके पानी के बहाव को सरल करना। छत से पानी की निकासी सुनिश्चित हो। सीमेंट का घोल बनाकर / ब्रॉडेड कंपनी का डेम्प प्रुफ पेंट से छत पर लिपाई / पुताई करवाना (ताकि हेयरकेक भर जाए)। जल अवरोधक प्लास्टिक शीट (मोटी पन्नी) पूरी छत पर बिछाकर पानी का बहाव छत से बाहर होना सुनिश्चित करना।
भवन की आस-पास पानी का ठहराव नहीं हो इस हेतु साधारण नाली से पानी की निकासी करवाना सुनिश्चित करें।
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