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Doctors reached Urs fair by locking the door during duty hours

Doctors reached Urs fair by locking the door during duty hours

डॉक्टर ड्यूटी टाइम में ताला बंद कर पहुंचे उर्स मेले में

नगर के संजीवनी क्लिनिक में मिली बड़ी लापरवाही …

सिटी डिस्पेंसरी राजवाड़ा की डॉक्टर ड्यूटी टाइम में ताला बंद कर उर्स मेले में घूमने पहुंचे !

डॉक्टर मुख्यालय पर न रहते हुए बाहर से आना जाना करते हैं, बगैर सूचना के नदारद।

ओपीडी रजिस्टर में मरीजों की संख्या की होती हैं फर्जी इंट्री !

धार। राज्य सरकार आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में उपचार के लिए नगर के विभिन्न क्षेत्रों में संजीवनी क्लिनिक खोलकर अधिक से अधिक स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के प्रयास कर रही है। जिसके तहत जिला मुख्यालय धार के शहरी क्षेत्रों में संजीवनी क्लिनिक खोलकर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं, किन्तु स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर व कर्मचारी खुलेआम बेखौफ होकर अपनी मनमानी करते हुए अपने कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही बरत रहे हैं।

आपको बता दें कि नगर के राजवाड़ा स्थित संजीवनी क्लिनिक में भारी लापरवाही सामने आई। राजवाड़ा क्षेत्र के आसपास के दुकानदारों से प्राप्त जानकारी के अनुसार चौंकाने वाली जानकारी मिली।

ड्यूटी टाइम में डॉक्टर ताला बंद कर उर्स मेले में घूमने पहुंचे —

डिस्पेंसरी राजवाड़ा के आसपास के दुकानदारों ने बताया कि यहां के डॉक्टर प्रतिदिन दोपहर में ताला बंद कर ड्यूटी टाइम में उर्स मेले में घूमने जाते हैं। मरीज बाहर डॉक्टर का इंतजार करते हैं।

डॉक्टर मुख्यालय पर न रहते हुए बाहर से आते हैं, देर से आते हैं और जल्दी चले जाते हैं —

डिस्पेंसरी के आसपास के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार संजीवनी क्लिनिक राजवाड़ा के डॉक्टर मुख्यालय पर न रहते हुए बाहर से आना जाना करते हैं। जबकि डिस्पेंसरी खुलने का समय प्रातः 9 बजे से 5 बजे तक हैं। किंतु डॉक्टर अपनी मनमर्जी से प्रातः 10 बजे के बाद ही आते हैं, और शाम 4 बजे चले जाते हैं। डाक्टरों के समय पर नहीं आने से मरीज डॉक्टरों का इंतजार करते हैं। जिससे डिस्पेंसरी राजवाड़ा में आने वाले मरीजों की संख्या में कमी आई है।

Doctors reached Urs fair by locking the door during duty hours

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक बमुश्किल 20 से 25 मरीजों का उपचार किया जाता हैं, किन्तु यहां के डॉक्टर कर्मचारी से पूछताछ करने पर ओपीडी की संख्या रजिस्टर में अधिक बताई जाती हैं, जो जांच का विषय है ?

यही हाल गंजी खाने स्थित आयुष्मान आरोग्य मंदिर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भी का है। डॉक्टर, कर्मचारी निर्धारित समय पर नहीं आते हैं और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी खोलकर बैठ जाते हैं। किंतु डॉक्टर, कर्मचारी का कोई समय निर्धारित नहीं है।

डॉक्टर मनमर्जी से आना जाना करते हैं !

डॉक्टर की मनमर्जी का आलम यह है कि डिस्पेंसरी में निर्धारित समय पर न तो आते हैं और जब आते है तो समय के पूर्व ही चले जाते हैं। रोटेशन के अनुसार एक दिन तुम, एक दिन हम करके बगैर सूचना के नदारद हो जाते हैं। क्या स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी इस और ध्यान देंगे या खुलेआम मनमर्जी का आलम चलता रहेगा ? जल्द ही बड़ा खुलासा होगा।

क्या बोले जिम्मेदार —

  1. ड्यूटी टाइम से करना चाहिए, नहीं कर रहे है तो टीम भेजकर जांच करवाई जाएगी और नियमानुसार सख्त कार्यवाही करेंगे। डॉ राकेश शिंदे – मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ अधिकारी धार।
  2. ड्यूटी टाइम में ताला बंद करके जाना गलत है, मैने पूर्व में भी निरीक्षण किया था दोनो डॉक्टर मौजूद थे, औचक निरीक्षण कर कड़ी कार्यवाही की जाएगी। डॉ वंदना वर्मा – ए पी एम, एन आर एच एम धार।

संपादक- श्री कमल गिरी गोस्वामी

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