इंदौर में बैंक लूटकर ऐश करने निकला था, उसके साथ ही हो गई लूट… सामने आई एक नई कहानी।
इंदौर। पंजाब नेशनल बैंक में लूट की वारदात करने वाले आरोपित अरुण सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। तलाशी में उसके पास सिर्फ 45 हजार रुपये ही मिले। जब पुलिस ने उससे पूछताछ की तो पला चला कि वो भी लूट का शिकार हो गया है। वो शराब के नशे में इतना धुत था कि ई-रिक्शा वाला उससे रुपये छीनकर ले गया।
इंदौर पुलिस ने अरुण सिंह को यूपी के एटा से गिरफ्तार किया।
वो मामा के घर पहुंच गया था, शराब के नशे में खेत पर मिला।
पुलिस को शक है कि उसने लूट के रुपये रिश्तेदारों में बांट दिए।
इंदौर। पंजाब नेशनल बैंक से 6 लाख 64 हजार रुपये लूटने वाला आरोपित अरुण सिंह शराब पीकर फरारी काट रहा था। आरोपित घर से तीन लाख रुपये लेकर भागा, लेकिन पुलिस को सिर्फ 45 हजार रुपये मिले। पुलिस ने पकड़ा उस वक्त भी अरुण शराब के नशे में था। आरोपित जब ई-रिक्शा से जा रहा था, तो रिक्शे वाले ने भी उससे कुछ रुपये लूट लिए थे। टीम आज उसे इंदौर लाएगी। डीसीपी जोन-2 अभिनय विश्वकर्मा के मुताबिक अरुणसिंह निवासी कालुआ तिलपुर बैंक लूटने के बाद झाबुआ टावर(ग्वालटोली) पहुंचा और संजय ट्रैवल्स की बस से आगरा जा पहुंचा। यहां से भी बस द्वारा शाहरा (मैनपुरी) में रहने वाली बहन सुषमा चौहान के घर गया।
गांव वालों ने बता दिया था, पुलिस आ गई है।
हालांकि इस बीच आरोपित को इंटरनेट मीडिया द्वारा पता चला गया था कि पुलिस उसकी तलाश कर रही है। अरुण सुषमा के घर से चाय पीकर खेत पर चला गया। गांव वालों ने उसको कॉल कर बता दिया कि सुषमा के घर भी पुलिस आ गई है। अरुण सिंह मोबाइल बंद कर फरार हो गया।
शराब पीकर खेत में जाकर सो गया।
पुलिस ने शाहरा, कालुआ, फर्रुखाबाद, मैनपुरी, उभई, रुई और एटा में छापा मारा। आरोपित एटा जिले के ग्राम खिरिया में मामा बैजनाथसिंह के बेटे राजेश के घर आ गया। आरोपित ने यहां भी शराब पी और खेत में जाकर सो गया। पुलिस पहुंची तो नशे में मिला।
पुलिस को लगातार छकाता रहा।
इंदौर से बैंक लूटने के बाद बस से आगरा पहुंचा था।
आगरा के बाद मैनपुरी में बहन सुषमा के घर पहुंचा।
बहन के घर पुलिस पहुंची, तो वो भागकर मामा के घर एटा पहुंचा।
पुलिस वहां पहुंची तो खेत पर शराब के नशे में मिला।
पुलिस को कर रहा गुमराह —
अरुण सिंह के पास सिर्फ 45 हजार रुपये मिले। वह पुलिस को गुमराह कर रहा है। एसीपी कृष्णलाल चंदानी के अनुसार आरोपित का जीजा बीमार है, उसका डायलिसिस होता है। इसलिए उसके इलाज के लिए भी रुपये चाहिए थे।
सेना से बर्खास्त होने के बाद इंदौर आ गया था।
अरुण सिंह ने पूछताछ में बताया 1996 में राजपूत रेजिमेंट (फतेहगढ़) में भर्ती हुआ था। बीच में नौकरी छोड़ी और 1999 में बिहार रेजिमेंट (जम्मू) में भर्ती हो गया। वर्ष 2006 में बर्खास्त होने के बाद आरोपित बच्चों को लेकर इंदौर आ गया। शुरुआत में यूनियन बैंक, एसबीआई, ओरियंटल बैंक और ज्वेलरी शोरूम में गार्ड बना। राजेश दंडोतिया, एडिशनल डीसीपी इंदौर।
संपादक- श्री कमल गिरी गोस्वामी
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