40 साल से रह रहे परिवारों को किया बेघर, आरई-2 रोड में अमीरों को फायदा पहुंचाने के लिए नक्शा ही बदल दिया।
इंदौर। नगर निगम ने आरई-2 रोड बनाने के लिए बिचौली कांकड़ बस्ती में सैकड़ों घरों को तोड़ दिया है। यहां पर रहने वाले गरीब परिवार बारिश और आंधी के बीच भी सड़कों पर सो रहे हैं और गंदगी के बीच खाना बनाने और खाने के लिए मजबूर हैं। निगम की इस कार्रवाई में लगभग पांच हजार लोग सड़क पर आ गए हैं। दूसरी तरफ निगम ने अमीरों को फायदा पहुंचाने के लिए इस सड़क का नक्शा ही बदल दिया है। यदि यह सड़क नक्शे के अनुरूप बनती तो इसमें कई करोड़पति लोगों की जमीनें आ जाती।
कैसे पहुंचाया अमीरों को फायदा —
1991 व 2008 के मास्टर प्लान में कनाड़िया स्थित भूरी टेकरी से नायता मुंडला के बीच 4.5 किमी की 45 मीटर चौड़ी आरई-2 प्रस्तावित थी, जो नक्शे में सीधी थी। सड़क टीएंडसीपी नक्शे अनुरूप बननी थी लेकिन निगम अफसरों ने सड़क का अपना अलाइनमेंट तैयार कर दिया। सड़क पहले आरई-2 इंदौर विकास प्राधिकरण बना रहा था लेकिन योजना खत्म होने के बाद निगम ने इसे बनाने पर सहमति दे दी। उसके हिसाब से काम शुरू भी हो गया। जो सड़क सीधी थी अब वह कई जगह से नागिन की तरह बन रही है।
सैकड़ों लोगों के घर तोड़े —
जहां पर सैकड़ों लोगों के घर तोड़े हैं। वे घर आईडीए के आनंदवन प्रोजेक्ट के ठीक सीधी रेखा में आते हैं। आनंदवन में शहर के प्रमुख अधिकारी और बिजनेसमैन रहते हैं। आनंदवन से सड़क को घुमाकर बस्ती को हटाते हुए निकाला गया है। पुलिस लाइन का परेड ग्राउंड में मंदिर बना है, जहां से रोड निकलना था लेकिन पुलिस लाइन से रोड को लेफ्ट तरफ मोड़ दिया है, जो सीधी जानी थी। आगे आनंद वन टू की सड़क को जोड़ दिया है। अग्रवाल पब्लिक स्कूल तक सीधा रास्ता है, लेकिन पूरा रास्ता मोड़ दिया।
मुख्यमंत्री ने दिए थे पट्टे —
बिचौली कांकड़ में जिन लोगों के घर तोड़े हैं उनमें से कई लोगों के पास मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए पट्टे बी हैं। इन पट्टाधारियों को भी हटा दिया गया है। ये पट्टे 2013 में सीएम शिवराज सिंह चौहान सरकार में दिए गए थे। पट्टाधारियों के वकील अभिनव धनोतकर ने कोर्ट में सवाल उठाया कि मास्टर प्लान में बदलाव होता तो प्रशासन गरीबों को आवास के पट्टे क्यों देता?
हमने रोड का अलायमेंट तय नहीं कियाः महापौर
महापौर पुष्यमित्र भार्गव का कहना है कि आरई-2 का निर्माण टीएंडसीपी लेआउट के अनुसार ही हो रहा है। निगम ने सिर्फ अतिक्रमण हटाए हैं और निर्माण कर रहा है। रोड का अलायमेंट टीएंडसीपी ने किया है, उसी के पास यह तय करने का अधिकार है।

निगम कोर्ट में भी नहीं दे रहा नक्शा —
आरई-2 नक्शे को लेकर वर्ष 2022 से विवाद चल रहा है। इसको लेकर हाई कोर्ट में कई याचिकाएं लगाई गई हैं। 9 नवंबर 2022 को अदालत ने आदेश जारी कर कहा था कि पहले टीएंडसीपी आरई-2 की फ्रेश लाइन को मार्क करे, उसके बाद निर्माण शुरू करे। नक्शे को कोर्ट में पेश किया जाना था लेकिन टीएंडसीपी व नगर निगम ने आज तक नक्शा नहीं दिया।
न मोहलत दी न कोर्ट का स्टे देखा —
यहां पर रहने वाले कई लोगों के पास कोर्ट का स्टे भी था। निगम की टीम ने न लोगों को मोहलत दी न ही कोर्ट का स्टे देखा। रविवार को गाड़ी से अनाउंसमेंट करवाया कि बस्ती के सभी परिवार यहां से चले जाएं आपके घर तोड़ दिए जाएंगे और सोमवार सुबह निगम की टीम ने सभी घरों को तोड़ दिया।
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