आबकारी विभाग क्यों नहीं कर पा रहा अवैध शराब बिक्री पर कार्यवाही ?
नाबालिक बच्चों से भी करवाते हैं काम।
बदनावर/धार। मध्यप्रदेश के मुखिया मोहन यादव जी के द्वारा संपूर्ण मध्यप्रदेश में अवैध तरीके से शराब के परिवहन एवं बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के लिए लगातार अथक प्रयास किए जा रहे है। अवैध रूप से बेची जा रही शराब एवं शराब के परिवहन पर नियंत्रण लगाने के लिए लगातार आबकारी विभाग की टीम के द्वारा लगातार छापेमार कार्यवाही की जा रही है। किंतु मध्य प्रदेश के धार जिले की बात की जाए तो यहाँ आबकारी विभाग की नाक के नीचे ही नगर सहित ग्रामीण अंचलों में अवैध तरीके से शराब परोसी जा रही है, वहीं आबकारी विभाग ग्रामीणों से कच्ची शराब पकड़ कर अपनी पीठ थपथपा रहा है।
पुलिस और आबकारी की आंखों में धूल झोंक खुलेआम परोसी जा रही शराब —
धार जिले के बदनावर में कई होटलों पर खुलेआम शराब परोसी जा रही है जहां एक ओर आपकारी उपायुक्त के द्वारा कार्यवाही के शक्त निर्देश दिए हुए है। बावजूद इसके ऐसे कई होटल संचालक हैं जो खुलेआम उड़ा रहे हैं नियमों की धज्जियां यह लोग सुबह से लेकर देर रात्रि 12:00 से 2:00 बजे तक बे-रोकटोक शराब परोस रहे।
विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इनके यहां कुछ सरकारी कर्मचारी भी आते हैं, जिन्हें कुछ सुविधाएं फ्री में मुहैया करवाते हैं। साथ ही राजनीतिक संरक्षण का भी उपयोग करते हैं जिसकी वजह से यह लोग बे-रोकटोक अपने शुद्ध शाकाहारी होटलों पर बार संचालित कर रहे हैं।
आबकारी विभाग क्यों नहीं कर पा रहा अवैध शराब बिक्री पर कार्यवाही ?
अवैध शराब पर आबकारी विभाग की और से कार्रवाई नहीं होना भी विभाग के ऊपर सवालिया निशान खड़ा कर रहा है। विभाग के अधिकारी पूरे जिले में आबकारी कंट्रोल रूम बनाकर बैठे हुए हैं जो शराब दुकानों पर शराब बिक्री की जानकारी के साथ अवैध शराब पर रोक लगाने का कार्य करते हैं। आखिर यह लोग अवैध शराब पर कार्रवाई क्यों नहीं कर पा रहे हैं।
गाड़ियों में भर-भर कर भेजी जाती है गांव-गांव शराब —
आबकारी नीति के अनुसार वाइन शॉप से थोक में किसी भी रूप में शराब नहीं दी जा सकती ,ना ही वाइन शॉप से गाड़ी भर कर शराब ग्रामीण अंचलों में भेजी जा सकती है। बावजूद उसके आबकारी विभाग के संरक्षण में शराब ठेकेदार अवैध शराब व्यापार कर रहे हैं। यह अपनी लाइसेंसी शराब दुकान से गाड़ियों में शराब भरकर ग्रामीण अंचलों में शराब मुहैया कराते हैं जो एक तरीके से अवैध शराब ही कहलाती है।
नाबालिक बच्चों से भी करवाते हैं काम —
जब शराब ठेकेदार के यहां से गाड़ियां भर-भर के ग्रामीण अंचलों में शराब भेजी जाती है तब इन गाड़ियों में शराब चढ़ाने और उतारने का काम नाबालिक बच्चे करते हैं जो कि नियम विरुद्ध है। 18 साल से कम उम्र के बच्चे को शराब देना या शराब दुकान पर कार्य करवाना दोनों दंडनीय अपराध हैं।
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