जिला शिक्षा अधिकारी देवड़ा के द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम की उड़ाई जा रही खुलेआम धज्जियां।
धार। (राकेश साहू) जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय धार में इन दिनों भ्रष्टाचार एवं मनमानी का आलम व्याप्त है। डीईओ लक्ष्मण देवड़ा के द्वारा खुद के द्वारा की गई अनियमितताएं एवं नियम विरूद्ध किए गए कार्यों को छुपाने के लिए सूचना का अधिकार के अंतर्गत चाही गई जानकारी आवेदक को उपलब्ध नहीं कराते है। अनावश्यक धाराओं का उल्लेख कर सूचना अधिकार के उद्देश्य को असफल कर रहे है। आवेदक के द्वारा जब इनसे एवजी रखने के आरोप में निलंबित किए जा चुके शिक्षक कैलाश चौधरी के निलंबन, आरोप पत्र आदि की जानकारी सूचना का अधिकार में मांगी गई तो डीईओ देवड़ा के द्वारा आवेदक को जानकारी नहीं दी गई। इसी प्रकार इनसे जब डीईओ कार्यालय में क्रय की गई सामग्री एवं रिपेयरिंग आदि की जानकारी मांगी गई तो इन्होंने उसे भी देने से इंकार कर दिया। इनके कार्यालय का सूचना अधिकार शाखा का लिपिक भी अधिकांशतः अपनी सीट से गायब मिलता है, और डीईओ देवड़ा के साथ कहीं गए हैं यह बताया जाता हैं।
नियम विरूद्ध कर दी पदस्थापनाएं —
कलेक्टर के निर्देश पर कैलाश चौधरी शिक्षक प्रा.वि. घटगारा को निलंबित किया गया था। चौधरी के साथ अनेकों शिक्षकों को डीईओ लक्ष्मण देवडा ने निलंबित किया था। बाद में नियम विरुद्ध तरीके से वापस उसी शाला में पुनः बहाल कर दिया। कैलाश चौधरी तो खुद के स्थान पर एवजी रखने के आरोप में निलंबित हुआ था फिर भी डीईओ देवड़ा ने उसको उपकृत करते हुए भ्रष्टाचार के चलते नियम विरूद्ध तरीके से प्रावि घटगारा में ही पदस्थ कर दिया गया।
डीईओ ऑफिस में चल रहा खरीद फरोख्त खेल !
आरोप है कि जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में खरीद फरोख्त व कमीशनखोरी का खेल जोरो से चल रहा है, जिसकी जानकारी चाही जाने पर डीईओ देवड़ा के द्वारा नहीं दी जा रही। डीईओ ऑफिस के सूत्र बताते है कि कई व्यापारी शालाओं में आईटी अंतर्गत कम्प्यूटर आदि की सप्लाई को लेकर शाला प्रधानों को फोन कर रहे है तथा डीईओ देवडा और एपीसी डोडिया का नाम लेकर शाला प्रधानों पर खरीदी के लिए दबाव बना रहे है। यह सब डीईओ की सहमति से ही हो रहा है, और घटिया कम्प्यूटर आदि सप्लाई की जा रही है, जिसकी जानकारी सूचना अधिकार में नहीं दी जा रही हैं।
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