लीज क्षेत्र से बाहर कर रहे खनन लीज क्षेत्र से बाहर कर रहे खनन।
सरदारपुर/धार। दसई – खनिज विभाग द्वारा की जा रही दिखावे कि कार्यवाही के कारण जिले में खनिज कारोबारियों द्वारा लगातार अवैध उत्खनन और परिवहन सहित नियम निर्देशों को ताक पर रखकर क्रशरों का संचालन किया जा रहा। इनकी यह अवैधानिक गतिविधियां थमने का नाम नहीं ले रही हैं। क्षेत्र में क्रशर संचालकों को अनुमति देने में मानकों की अनदेखी हुई है। यहां क्रशर लगने से न तो आसपास के इंसान सुरक्षित हे ना मवैसी ना तालाब और न ही हरे-भरे खेत।
दसई – बोला टु लेन मार्ग पर तहसील मुख्यालय से महज 12 किलोमीटर की दूरी पर ग्राम बामन खेड़ी से बोला के बीच संचालिक विनायक स्टोन क्रशर में उपयोग होने वाले पत्थरों के लिए क्रशर संचालक द्वारा धड़ल्ले से ब्लास्टिंग कर पत्थर उत्खनन कराया जा रहा है। जब की उसके आसपास ही करोड़ों रुपए की लागत से बने तालाबों को ब्लास्टिंग के धमाकों की वजह से नुकसान पहुंच रहा है। अवैध उत्खनन कर निकाले गए पत्थरों से गिट्टी तैयार कर बाजार में बगैर रॉयल्टी के बेंचने का काम बखूबी किया जा रहा है। आलम यह है कि क्रशर संचालक द्वारा आसपास की भूमि को खनन कर छलनी कर दिया गया है।
वाहनों की हो जांच
जानकारों की माने तो उक्त क्रशर संचालक द्वारा रॉयल्टी देने में भी आना – कानी की जाती है। अधिकांश वाहन स्वामी बगैर रॉयल्टी ही गिट्टी का परिवहन करते है, जिसकी जांच हो तो ऐसे कई वाहन बिना रॉयल्टी के ही क्रशर से गिट्टी परिवहन करते पकड में आएंगे। जिसे लेकर विभागीय अधिकारी गंभीरता नहीं बरत रहे हैं।
नियमों को बता रहे धता
क्रशर संचालक की मनमानी का आलम यह है कि वह क्रशर संबंधी नियम- निर्देशों को ठेंगा बताते हुए क्रेशर मशीन का संचालन कर रहे है। क्रशिंग, लोडिंग और अनलोडिंग गतिविधियों से धूल के उत्सर्जन को कम करने के लिये उन्हें पर्याप्त प्रदूषण नियंत्रण उपकरण, जैसे- धूल दमन प्रणाली, कवर, स्क्रीन और स्प्रिंकलर भी स्थापित नही हे। क्रशर संचालक द्वारा ना तो क्रशर के आस-पास चार दीवारी तैयार की गई है, और ना ही किसी तरह का प्लांटेशन और तो और मजदूरों के लिये किसी भी तरह की फस्र्ट एड किट भी नहीं है। इसके अलावा सुविधाघर सहित अन्य सुविधाएं भी यहां पर नही है। क्रशर में गिट्टी तैयार करने के दौरान पानी का छिडकाव भी नहीं किया जा रहा। जिसके चलते उडऩे वाली डस्ट से पूरे वातावरण में प्रदूषण फैल रहा है। जिसके चलते क्रेशर मशीन से लगे आसपास के करीब 10 गांव के लोग मवेशी और फसले भी प्रभावित हो रही है। क्योंकि यह क्रेशर मशीन दसई सरदारपुर मार्ग पर स्थापित है। जिसके कारण आए दीनों होने वाले ब्लास्टिक से राहजनों और स्कूली बच्चों की जान माल के साथ ही क्रैशर से लगे खेतों में काम करने वाले कीसानो की जान माल की भी चिंता बनी रहती है।
पत्रकार- जितेंद्र जैन।
संपादक- श्री कमल गिरी गोस्वामी
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