आखिरकार क्यों नहीं हो रही इन झोलाछाप डॉक्टरों पर बड़ी कार्यवाही।
सरदारपुर/धार। (धर्मेंद्र श्रीवास्तव) स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी दिशा निर्दोषों के अनुसार कोई भी व्यक्ति सर्व सुविधा युक्त अपना क्लीनिक संचालित नहीं कर सकता है। इतना ही नहीं जिले में लगातार अवैध क्लिनिको की तादाद बढ़ती जा रही है। कई बड़े-बड़े डॉक्टर भी अवैध क्लीनिक चला रहे हैं।
अब बात यह है कि नीयमानुसार एमबीबीएस एमडी डॉक्टर भी संपूर्ण सुविधाओं के साथ क्लीनिक नहीं चला सकते वह अपने क्लीनिक पर सिर्फ मरीज को दवाईया लिख सकते हैं। लेकिन भरती नहीं कर सकते।
बावजूद इसके जिले में बंगाली डॉक्टर द्वारा अवैध रूप से क्लीनिक के साथ मरीज को भर्ती करके बॉटल स्लाइन लगाई जा रही है। यह बात आम नहीं है आम नागरिकों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ तो किया ही जा रहा है, मरीजों की जान से भी खेला जा रहा है।
मरीजों की जान माल का कौन जिम्मेदार —
इन बंगाली डॉक्टर द्वारा छोटी-मोटी डिग्रियां लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में क्लीनिक संचालित किए जाते हैं उन क्लिनिको पर बगैर फार्मासिस्ट के खूब सारी दवाइयां भी रखी जाती है। जिसमें कई प्रकार के ड्रग्स अवेलेबल होते हैं। क्लीनिक और मेडिकल के साथ-साथ यह लोग किराए के मकान में पलंग बिछाकर मरीजों को भरती करते हुए उन्हें लगातार बोतल इंजेक्शन लगाते हैं। कई बार तो उनके उपचार के बाद कई लोग मर भी गए हैं। हालांकि हम यह नहीं कहते कि किसी डॉक्टर ने जानबूझकर उन्हें मारा है, लेकिन बड़े-बड़े डॉक्टर भी इलाज के दौरान कई मरीजों को बचा नहीं पाए तो यह बंगाली झोलाछाप डॉक्टर मरीज को कैसे बचा पाते होंगे यह तो स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा जांच के उपरांत थी स्पष्ट हो पाएगा।
आपको बता दे की धार जिले की सबसे बड़ी तहसील सरदारपुर है, जहां पर सबसे ज्यादा आतंक है इन झोलाछाप डॉक्टरों का।
एक ताजा मामला संज्ञान में आया है कि रिंगनोद में पुराने थाने से थोड़ा सा पहले सरदारपुर कुक्षी मार्ग पर एक बंगाली झोलाछाप द्वारा क्लिनिक मेडिकल वह छोटा कृत्रिम रूप से हॉस्पिटल चलाया जा रहा था। एक पत्रकार वहां पर कवरेज के दौरान पहुंचा तो उसे बंगाली डॉक्टर के द्वारा पत्रकार से अभद्र व्यवहार करते हुए छीना झपटी की गई। हालांकि इस मामले में पत्रकार द्वारा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के साथ-साथ जिले के पुलिस अधिकारियों को लिखित शिकायत की गई है।
अब देखना यह होगा की खबर प्रकाशन के बाद इन झोलाछाप डॉक्टरों पर स्वास्थ्य विभाग कोई कड़ी कार्रवाई कर पता है या फिर ऐसे ही यह लोग आम जनता की जान से खिलवाड़ करते रहेंगे।
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