जल जीवन मिशन के अंतर्गत हर घर नल से जल पहूचाने के दावे खोखले साबित हुए।
ग्राम कागदीपुरा रहवासी बूंद-बूंद पानी के लिए दर-दर भटकने को मजबूर।
डेढ़ करोड़ रुपए की राशि खर्च करने के बावजूद भी ग्रामीणों को एक दिन भी नहीं मिल पाया पीने का पानी।
आधे से अधिक गांव के ग्रामीणों के घर आंगन में नहीं पहुंच पाया जल मिशन का जल।
धार। नालछा विकासखंड की ग्राम पंचायत जीरापुरा के ग्राम कागदीपुरा के रहवासियों को पीने के पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत करीब डेढ़ करोड़ की लागत से योजना क्रियान्वित की गई थी। किंतु आधी अधूरी योजना ग्राम पंचायत ने हैंड ओवर कर ली योजना के 3 वर्ष बीत चुके हैं। किंतु अभी तक आधे गांव में गांव पेयजल वितरण शुरू नहीं हुआ है ऐसे में ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है। तमाम शिकायत के बावजूद भी ध्यान नहीं दिए जाने के कारण ग्रामीणों में आक्रोश का माहौल है।
गौरतलब है की नालछा विकासखंड में जल जीवन मिशन के अंतर्गत अधिकांश ग्राम पंचायतो में करोड़ों की लागत से योजनाएं बनाकर क्रियान्वित की गई है, किंतु धरातल पर हालात कुछ और ही बयां कर रहे हैं। करोड़ों रुपए की राशि खर्च करने के बावजूद आज भी ग्रामीण पीने के पानी के लिए दर-दर भटकने को मजबूर।
डेढ़ करोड़ की राशि खर्च की गई —
जल जीवन मिशन के अंतर्गत गुजरात की कंपनी द्वारा यहां पर एक करोड़ 58 लाख रुपए के लागत से पेयजल टंकी व पाइप लाइन बिछाई गई है। इसी में ग्राम काकदीपुरा के तीन मजरों में पाइपलाइन बिछाकर नल कनेक्शन दिए गए जिसमें नलियां लगा दी गई किंतु पेयजल वितरण के मुख्य लाइन से नहीं जोड़ा गया। जिसके कारण आज तक एक बूंद पानी ग्रामीणों को नसीब नहीं हो पाया।
दर-दर भटकने को मजबूर —
ग्रामीणों ने बताया कि पूरा दिन घर के महिला व सदस्यों का पानी की व्यवस्था में बीत जाता है। पानी के लिए ग्रामीण दर-दर भटकने को मजबूर है। गांव के महेंद्र परमार द्वारा करीब 2 किलोमीटर दूर से निजी नलकूप से पाइपलाइन बिछाई गई है। जिससे अधिकांश ग्रामीण पीने का पानी भरते हैं।
शिकायत वापस लेने का दबाव —
इस मामले में गांव के गेंदालाल मंडलोई ने बताया कि पेयजल समस्या को लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 181 पर शिकायत की है। शिकायत का हल तो निकालना दूर ग्राम पंचायत एवं जनपद पंचायत से शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया जाता है।
मिशन नल जल योजना चढ़ी भ्रष्टाचार की भेंट — हर घर नल जल का सपना अधूरा —
भारत सरकार द्वारा हर घर नल जल पहुंचाने के लिए जल जीवन मिशन योजना बनाई है। किंतु मैदानी स्तर पर शासन के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। योजना के लिए भारी भरकम राशि तो खर्च कर दी गई है। किंतु यहां हर घर नल जल पहुंचने का सपना अधूरा रह गया। ग्रामीणों का आरोप है की योजना का निर्माण हुआ था। तब से ही आधे गांव के घरों में पानी का वितरण नहीं हुआ था। ऐसे में आधी अधूरी योजना को ग्राम पंचायत ने अपने अधीनस्थ ले ली है।
मिशन नल जल योजना के ठेकेदार पहले ही कर गए मलाई चट —
पाइपलाइन फूट गई थी जुड़वा दी गई —
इस संबंध में ग्राम पंचायत के सचिव अंतर परमार ने बताया कि नल जल कनेक्शन की पाइपलाइन फूट गई थी, जिसे जुड़वा दिया गया है। शीघ्र ही गांव में पेयजल वितरण शुरू कर दिया जाएगा।
पीएचई विभाग अपने वादों पर ही कायम नहीं —
विभाग द्वारा गांव में बोर्ड लगाया गया जिसमें लिखा गया है, ‘नल, जल से वंचित नहीं रहेगा अब कोई घर, परिवार, जल जीवन मिशन पहुंचाएगा नल से जल सबके द्वार’ लेकिन विभाग अपने वादों पर खरा नहीं उत्तरा है, यह बोर्ड मुंह चिढ़ा रहा है। आधे से अधिक गांव के घरों में जल मिशन के अंतर्गत जल नहीं पहुंच पाया है।
संपादक- श्री कमल गिरी गोस्वामी
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