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There is no testing facility in Indore, which has been a hot spot for Corona, people with weak immunity are the victims

There is no testing facility in Indore, which has been a hot spot for Corona, people with weak immunity are the victims

कोरोना के हॉट स्पॉट रहे इंदौर में नहीं है टेस्टिंग की सुविधा, कमजोर इम्यूनिटी वाले होते हैं शिकार

इंदौर। ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के मरीज कई राज्यों में सामने आ चुके हैं, लेकिन प्रदेश में कोरोना के हॉट स्पॉट बने इंदौर में इस वायरस के जांच की सुविधा नहीं है। पीरक्षण के लिए इंदौर में किसी भी शासकीय और निजी प्रयोगशाला में आवश्यक किट भी उपलब्ध नहीं है।

इसे लेकर शहर में अभी कोई सतर्कता भी नहीं बरती जा रही है। शासकीय विभाग अभी सरकार के निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि वायरस को लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि घबराने की जरूरत नहीं है। यह पहले से प्रचलित है। हमें जागरूक रहकर सावधानियां बरतनी चाहिए।

सर्दी, खांसी, बुखार जैसे लक्षण

यह आमतौर पर सर्दी, खांसी और बुखार जैसे हल्के श्वसन लक्षणों का कारण बनता है। यह आम सर्दी के समान है, लेकिन यह कभी-कभी निमोनिया या अस्थमा जैसी अधिक गंभीर बीमारियों का कारण भी बन सकता है।

विशेष उपचार के बिना ही ठीक हो जाते हैं ज्यादातर

अधिकांश लोग विशेष उपचार के बिना ही ठीक हो जाते हैं। बता दें कि वायरस की पुष्टि कोरोना की तरह आरटीपीसीआर से ही की जाएगी, लेकिन इसकी जांच के लिए अलग किट आती है।

निजी प्रयोगशाला ने भेजे किट के लिए आर्डर

डॉ. विनीता कोठारी ने बताया कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने प्रयोगशालाओं को किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया है। कोरोना की तरह वायरस की पुष्टि के लिए आरटीपीसीआर परीक्षण किए जाएंगे, लेकिन किट उपलब्ध नहीं हैं।

There is no testing facility in Indore, which has been a hot spot for Corona, people with weak immunity are the victims

हमने किट का आर्डर दे दिया है। इसके बाद इंदौर में ही परीक्षण हो जाएगा। हालांकि कुछ निजी प्रयोगशालाओं ने एचएमपीवी का परीक्षण करने का दावा किया, लेकिन सूत्रों के मुताबिक वे इसके सैंपल मुंबई या दिल्ली भेज रहे हैं।

बच्चों की देखभाल करें माता-पिता

शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. तरुण गुप्ता ने बताया कि एचएमपीवी मुख्य रूप से कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले शिशुओं को प्रभावित करता है। इसके कोई भी लक्षण दिखने पर विशेषज्ञ के पास जाना चाहिए। घबराने की बात नहीं है, लेकिन रोकथाम हमेशा इलाज से बेहतर होती है।

साभार- नईदुनिया।

संपादक- श्री कमल गिरी गोस्वामी

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