धार। जेल की हवा काट चुके मेडिकल संचालक अभिमन्यु बागडे जो की तपस मेडिकल के संचालक है। बागड़े द्वारा जहां पर मेडिकल एवं क्लिनिक संचालित किया जा रहा है, वह जगह भी है अवैध। मध्य प्रदेश भू-अधिनियम के अनुसार जिस व्यक्ति को भूमि का पट्टा दिया जाता है, वह व्यक्ति अपने पट्टे की भूमि पर सिर्फ रहवासी मकान बनाकर रह सकता है। वह किसी और व्यक्ति को किराए से अपना मकान या व्यावसायिक रूप से दुकान का निर्माण करके किराए से नहीं दे सकता।
विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार माण्डव नका क्षेत्र में स्थित तपस मेडिकल की दुकान किराए के मकान में संचालित हो रही है, जो कि अवैध है सबसे बड़ी बात यह है कि जिस व्यक्ति ने दुकान बना कर किराए से दि वह पट्टे की जमीन पर है और पट्टे की जमीन पर कोई भी व्यक्ति व्यावसायिक रूप से मकान या दुकान का निर्माण करके किराए से नहीं दे सकता। इतना ही नहीं उक्त किराए की दुकान पर एक अवैध रूप से क्लिनिक संचालित किया जा रहा है जो कि नियम विरुद्ध है। क्योंकि शासकीय डॉक्टर कहीं पर भी क्लीनिक संचालित नहीं कर सकता।
इस अवैध रूप से चलाए जा रहे मेडिकल दुकान और क्लिनिक की आड़ में एक अवैध हॉस्पिटल भी संचालित किया जा रहा है, जो की पूर्ण रूप से अवैध है। वह हॉस्पिटल जिस जगह पर बना है वहां पर पट्टाधारी ने पट्टे में टिन सेट का उल्लेख कर रखा है जो कि उसके निवास के लिए स्थान है। निवास स्थान पर कांच के केबिन बनाकर मरीज को भर्ती करके इलाज किया जा रहा है। दुकान बनाकर डॉक्टर नीरज बागडे को किराए से दे दिया गया। यह सरासर नियमों के विरुद्ध है।
भू-अधिनियम के अंतर्गत अगर कोई पट्टा धारी अपनी भूमि पर बनाए गए मकान का प्रारूप चेंज करता है या उसमें कोई संशोधन करता है तो नीयम अनुसार उसका पट्टा निरस्त हो जाता है। इसके तहत जिस व्यक्ति ने नीरज बागडे को मकान किराया से दिया है। वह गलत है। उसका पट्टा भी निरस्त हो चुका है। अब देखना यह होगा की खबरों के प्रकाशन के बाद अनुविभागय अधिकारी राजस्व एवं नगर पालिका की टीम क्या कार्रवाई करती है।
नपा सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उक्त भूमि स्वामी के नाम से सिर्फ पट्टा है। उसने कमर्शियल कॉम्प्लेक्स के रूप में कोई भी कर या राजस्व सरकार को नहीं चुकाया है। जबकि बगैर राजस्व चुकाए कोई भी व्यक्ति अपने मकान पर कमर्शियल बिल्डिंग नहीं बन सकता, न हीं किसी को किराए से दे सकता।
इतना ही नहीं नगर पालिका धार ने मेडिकल व अस्पताल संचालन के लिए संचालक बागड़े को कोई भी किसी भी प्रकार के अपशिष्ट संग्रहण व निवारण के लिए एनओसी नहीं दी है।
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