धार। सरकारी अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर नीरज बागड़े नियमों के विरुद्ध निजी क्लीनिक व अस्पताल का संचालन कर रहे हैं। खास बात यह है कि सीएमएचओ व सिविल सर्जन की अनदेखी से डॉक्टर बेखौफ होकर विभिन्न मेडिकल स्टोर पर अपना क्लीनिक संचालित कर रहे हैं। शासकीय चिकित्सकों की निजी प्रैक्टिस के संबंध में 2013 में संचालक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. के.के. ठस्सू ने आदेश जारी किया था।
इसके अनुसार सरकारी डाॅक्टर स्वयं या किसी अन्य के क्लीनिक पर जाकर प्रैक्टिस नहीं कर सकते। वे किसी निजी अस्पताल में भर्ती मरीजों का इलाज नहीं कर सकते। ऐसा करने की स्थिति में अस्पताल के संचालक व डॉक्टर दोनों पर सक्षम अधिकारी द्वारा कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए थे। हालांकि इस नियम के विरुद्ध प्रदेशभर के डॉक्टरों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
इसके बाद 2017 में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने सभी सीएमएचओ व सिविल सर्जन को आदेश जारी किए। इसके अनुसार निजी प्रैक्टिस के अंतर्गत सरकारी डॉक्टर केवल अपने घर पर ही परामर्श दे सकते हैं। वे कोई क्लीनिक संचालित नहीं कर सकते और ना ही किसी अन्य के क्लीनिक पर सेवाएं दे सकते हैं।
इसके अलावा डॉक्टर अपने घर पर केवल मूलभूत उपकरण स्टेथेस्कोप, बीपी इंस्टूमेंट, ऑप्थेल्मोस्कोप, आटोस्कोप, ईसीजी मशीन ही रखकर उपयोग कर सकते हैं। अवर सचिव द्वारा जारी इस आदेश में हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए साफतौर पर कहा है जो भी डॉक्टर 2013 से क्लीनिक पर विभिन्न उपकरण रखकर इलाज कर रहे हैं, उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।
फिर भी आज तक डॉ नीरज बागड़े पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई। सबसे बड़ी बात यह है की बागड़े जबसे धार में पदस्थ हुए तब से निजी अस्पतालों में सेवाए दे रहे है। यह बात कई अखबारों में स्पस्ट रूप से प्रकशित है।
जिले में पदस्थ शासकीय डॉक्टर निजी प्रैक्टिस, प्राइवेट अस्पताल में जाकर इलाज भी कर रहे हैं और विभिन्न उपकरणों का उपयोग भी कर रहे हैं। किसी पर भी कार्रवाई नहीं की गई है आखिर क्यों?
खुलेआम देते है निजी चिकत्सालयों में सेवाए —
इतना ही नहीं धार शहर के पाटीदार हॉस्पिटल में शासकीय डॉक्टर नीरज बागडे के द्वारा एक महिला की मौत के बाद FIR दर्ज हुई थी। दूसरा कैसे शहर के सत्यसाई हॉस्पिटल में जहां एक आदिवासी महिला के प्रसव के दौरान बड़ा हंगामा हुआ था। जिस पर डॉक्टर नीरज बागडे के भाई मेडिकल संचालक अभिमन्यु बागडे पर भी FIR हुई थी। इन दोनों कैस की कड़ी शासकीय चिकित्सक नीरज बागडे से जुड़ी हुई है। इससे साफ होता है कि शासकीय चिकित्सक नीरज बागडे अपने पद के विरुद्ध निजी चिकित्सालय में जाकर अपनी स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे हैं।
शासकीय डॉक्टर नीरज बागड़े द्वारा स्तीफा दे दिया गया था। कब ज्वाइन किया यह में दिखवाता हूँ। निजी प्रैक्टिस करने का मामला फिलहाल मेरी जानकारी में नहीं है, यदि ऐसा हो रहा है तो नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। डॉ राकेश कुमार शिंदे – मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी धार।
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