इंदौर। प्रतिबन्ध के बावजूद बिक रहे मांजे ने फिर ली एक मासूम की जान। शहर फिर एक बार चाइनीज मांझे की कातिलाना ब्लेड जैसी डोर से दहल उठा। रविवार सुबह तेजाजी नगर बायपास पर 16 वर्षीय छात्र गुलशन की गर्दन इस जानलेवा मांझे में उलझी और कुछ ही सेकंड में उसकी शिरा तक कट गई। बाइक पर से लुढ़कते ही खून का फव्वारा फूटा और अस्पताल पहुंचने से पहले ही मासूम ने दम तोड़ दिया। प्रतिबंध के बावजूद इंदौर की सड़कों पर खुलेआम बिक रहे इस घातक मांझे ने एक बार फिर कानून और प्रशासन की नाकामी को बेनकाब कर दिया है।
रालामंडल घूमकर लौट रहे थे … सामने आई ‘मौत की डोर’…
ओमेक्स सिटी निवासी गुलशन 16 वर्ष अपने भाई अरुण और दोस्तों विशाल व कृष्णा के साथ सुबह रालामंडल घूमने गया था। सभी बाइक से घर लौट ही रहे थे कि तेजाजी नगर बायपास पर एक पतंग का चाइनीज मांझा हवा में लहराता हुआ सीधे बाइक पर आया और गुलशन की गर्दन पर चिपक गया। पलभर में तेज धार ने उसकी गर्दन गहराइ तक काट दी। पीछे बैठे अरुण, विशाल और कृष्णा ने मांझा पकड़ने की कोशिश की, जिसके चलते उनके हाथ भी कट गए, लेकिन गुलशन की चोट इतनी गंभीर थी कि अत्यधिक खून बहने से अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई।
8वीं में पढ़ता था, घर का सहारा था गुलशन …
गुलशन मूलतः ठीकरी (अशोक नगर) का रहने वाला था। पिता रामकिशन मजदूरी करते हैं। मां और भाई अरुण के साथ तीन लोगों का यह छोटा सा परिवार अब टूट चुका है। गुलशन 8वीं कक्षा का छात्र होने के बावजूद घर के खर्च में हाथ बंटाने के लिए छोटा-मोटा काम करता था। परिवार ने बताया “हमें क्या पता था कि शहर में मौत उड़ रही है … और एक धागा हमारे बच्चे को छीन लेगा।”
कलेक्टर ने किया था प्रतिबंधित —
25 नवंबर को कलेक्टर शिवम वर्मा ने चाइनीज मांझे की बिक्री, भंडारण और उपयोग पर सख्त प्रतिबंध लगाया था। उन्होंने स्पष्ट कहा था, यह इंसानों के लिए जानलेवा है,पशु-पक्षियों के लिए खतरा है, कई गंभीर हादसों में इसकी पुष्टि हुई है। लेकिन कागजों पर लगे प्रतिबंध ने बाजार में मौत की इस डोर की बिक्री नहीं रोकी। दुकानों से लेकर गली-मोहल्लों तक यह मांझा अब भी खुलेआम बिक रहा है।
पुराने हादसे बताते हैं – मौत बार-बार चेतावनी दे रही है, मगर सिस्टम नहीं जाग रहा !
15 जनवरी – इंदौर, फूटी कोठी ब्रिज
मकर संक्रांति पर उड़ते मांझे ने एक युवक की गर्दन काटी।
परिवार ने कहा – चाइनीज मांझा था।
पुलिस ने दावा किया – सामान्य धागा।
मामला ठंडे बस्ते में।
इसी वर्ष – धार की घटना —
प्रतिबंधित चाइना डोर ने 7 साल के बच्चे का गला चीर दिया।
परिजन सड़क पर धरने पर बैठ गए।
सख्त कार्रवाई की मांग हुई, लेकिन नतीजा?
फिर एक मौत, फिर वही कहानी।
पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू की, लेकिन सवाल वही: और कितने गुलशन?तेजाजी नगर पुलिस ने शव एमवाय भेजकर मर्ग कायम कर जांच शुरू की है, लेकिन शहर पूछ रहा है “क्या अगली मौत का इंतज़ार है? या अब सच में चाइनीज मांझे की जड़ काटी जाएगी

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