20 हजार से ज्यादा पर्यटक की संख्या से गुलजार हुई मांडू की वादियां रिमझिम बारिश के बीच कोहरे ने दी दस्तक।
कोहरे के बीच मांडू की प्राचीन स्मारकों की तस्वीर पर्यटकों ने अपने परिवार के साथ ली आज मित्रता दिवस पर।
धार। तरुण राठौर – मांडू रिमझिम बारिश तो कभी तेज बारिश के बीच कोहरे के आगोश में मांडू की वादियां खिल उठी। पर्यटकों के साथ, यहां आज रविवार छुट्टी का दिन और दूसरी और मित्रता दिवस होने पर आज यहां 20 हजार से ज्यादा पर्यटकों ने मांडू की वादियो का भ्रमण किया, और प्राचीन स्मारकों का जाना इतिहास। आज रानी रूपमती, बाज बहादुर जहाज महल हिंडोला महल चंपा बावड़ी अशर्फी महल इको पॉइंट, जामा मस्जिद महल, होशंग सा महल, के साथ अन्य प्राचीन स्मारकों में आज दिनभर पर्यटकों की किलकारी गूँजती रही। कुछ पर्यटक आज यहां मांडू भ्रमण के साथ पिकनिक का भी आनंद लेने आए थे। अपने परिवार के साथ उन्होंने मांडू के गार्डन और हरे-भरे पेड़ के नीचे बैठकर परिवार के साथ नाश्ता और लिज्जतदार भोजन का आनंद लिया।
मध्य प्रदेश में स्थित माण्डू का दर्शन वादिए कश्मीर का आभास देता है। यहां हरी-भरी वादियां, नर्मदा का सुरम्य तट यह सब मिलकर माण्डू को मालवा का स्वर्ग बनाते हैं। यहां की माटी के बारे में कहा जाता है कि ‘मालवा माटी गहर-गंभीर पग-पग रोटी डग-डग नीर।’ अबुल फजल को माण्डू का मायाजाल इतना भ्रमित करता था कि उन्हें लिखना पड़ा कि माण्डू पारस पत्थर की देन है। माण्डू ने मुख्य रूप से चार वंशों का कार्यकाल देखा है- परमार काल, सुल्तान काल, मुगल काल और पॅवार काल।
मालवा का प्रसिद्ध दाल पानीया, दाल बाफले, लड्डू चूरमा कड़ी का भी लुफ्त उठाया हजारों पर्यटकों ने।
●इस जगह पर वास्तुकला का अद्भुत इतिहास जानने आते हैं लाखों पर्यटक —
- होशांग शाह का मकबरा।
- मांडू की जामी मस्जिद।
- अशर्फी महल।
- बाज बहादुर का महल।
- रानी रूपमती का मण्डप महल।
- नीलकंठ तीर्थ महल।
- जहाज महल।
- हिंडोला महल।
- इको पाइंट।
- काकड़ा खो।
- दरिया खां का मकबरा।
- अनेक प्रकार की गुफाएं।
- चतुर्भुज राम मंदिर।
- स्वागत करते प्रवेश द्वार।
मांडू में लगभग 12 प्रवेश द्वार है, जो मांडू में 45 किलोमीटर के दायरे में मुंडेर के समान निर्मित है। इन दरवाजों में दिल्ली दरवाजा प्रमुख है। यह मांडू का प्रवेश द्वार है। इसका निर्माण सन् 1405 से 1407 के मध्य में हुआ था। यह खड़ी ढाल के रूप में घुमावदार मार्ग पर बनाया गया है, जहाँ पहुँचने पर हाथियों की गति धीमी हो जाती थी।
इस दरवाजे में प्रवेश करते ही अन्य दरवाजों की शुरुआत के साथ ही मांडू दर्शन का आरंभ हो जाता है। मांडू के प्रमुख दरवाजों में आलमगीर दरवाजा, भंगी दरवाजा, रामपोल दरवाजा, जहाँगीर दरवाजा, तारापुर दरवाजा आदि अनेक दरवाजे हैं।
संपादक- श्री कमल गिरी गोस्वामी
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