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Sach Ke Sath

परिसर में नहीं होती साफ-सफाई। 

मरीजों व उनके परिजनों को रहता है अन्य संक्रामक बीमारियों का खतरा। भर्ती वार्ड के पास कचरा व गंदगी के कारण बदबू से मरीज होते हैं परेशानी।

धार। (तरुण राठौड़) नगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र परिसर में प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही। अस्पताल में बीमार लोगों का इलाज होता है, वहां साफ सफाई और स्वच्छ वातावरण लोगों को मिलना चाहिए। जिससे बीमार व्यक्ति स्वच्छ वातावरण में जल्दी स्वस्थ हों पाए। नगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इससे ठीक उलटा देखने को मिल रहा है।

विश्व पर्यटन नगरी मांडू के आलम यह है कि मरीजों के भर्ती वार्ड के पास ही कचरा और गंदगी पसरी पड़ी है। इसके चलते वार्ड में भर्ती मरीज और उनके परिजनों को पास में पड़े कचरे और गंदगी से आने वाली बदबू के कारण वार्ड में बैठना दूभर हो रहा है। अस्पताल से निकलने वाला कचरा और गंदगी वार्ड के पास हफ्तों तक पड़ी रहती है।

गंदगी के कारण मरीजों और उनके परिजनों को अन्य संक्रामक बीमारियों का भी खतरा बना रहता है। वहीं अस्पताल से निकलने वाले कचरे और गंदगी को फेंकने के लिए अस्पताल प्रबंधन द्वारा स्वयं ही व्यवस्था करनी होती है। नगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के जिम्मेदार अस्पताल से निकलने वाले कचरे और गंदगी को अस्पताल परिसर में वार्ड के पास खुले में फेंककर अस्पताल में आने वाले मरीजों और परिजनों को अन्य संक्रामक बीमारियों की गिरफ्त में लेन का प्रयास कर रहे हैं।

जब तेज धूप पड़ती है तो यह कचरा सूख जाता है, वार्ड के पास लगे कचरे और गंदगी के ढेर से तेज हवा में कचरा वार्ड में भी पहुंच जाता है जो कि मरीजों के लिए परेशानी का सबब बनटा है।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सैकड़ों मरीजों का होता है इलाज —

नगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में क्षेत्र के सैकड़ों गांव से लोग इलाज कराने प्रतिदिन मांडू आते हैं।

हजारों की आबादी को स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए जिम्मेदार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मांडू इन दिनों पूरी तरह बदहाल है। आलम यह है कि उक्त स्वास्थ्य केंद्र पर न तो फार्मासिस्ट है और ना ही सफाई कर्मी की तैनाती है। न ही किसी तरह की कोई उपचार की सुविधा उपलब्ध है। विभाग द्वारा उपेक्षित इस स्वास्थ्य केंद्र की हालत इतनी चर्चा में है कि भूले से भी कोई स्थानीय ग्रामीण यहां इलाज के लिए नही पंहुचता। इसी हाल में अस्पताल का आरोग्य रथ बिना किसी रुकावट के वर्षो से लगातार चल रहा है। आस पास कूड़े व गंदगी का ढेर लगा है। चारो तरफ झाड़ियां फैली हुई है।

स्थानीय लोगों की शिकायत है कि किसी भी समस्या को लेकर जाने पर न तो कोई ढंग का इलाज होता है और न ही कोई दवाई मिलती है। स्थिति यह है कि यदि एक साथ कुछ घायल चले आएं तो उन्हें प्राथमिक उपचार देकर जिला अस्पताल तक भेजने के लिए रुई पट्टी तक उपलब्ध नही है। विभागीय उपेक्षा का शिकार होकर यह अस्पताल आम जनता के लिए पूरी तरह निष्प्रयोज्य हो गया है। सिर्फ नाम का अस्पताल जहां किसी को कोई स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने में असमर्थ है।

समस्याओं को लेकर मरीजों के परिजनों व ग्रामीणों ने कई बार चिकित्साधिकारी को अवगत कराया, लेकिन सुनने के बजाय टालते रहने से समस्याएं बढ़ती जा रही है।

ऐतिहासिक पर्यटन नगरी मांडू का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र यहां पहुंचने वाले रोगियों को बीमार होने का न्योता दे रहा है। इसे स्वास्थ्य लाभ लेने की जगह नहीं नरक की यात्रा कहा जाए तो गलत नहीं होगा। यहां लैट्रिंग बाथरुम गंदगी से पति पड़ी है। महीनो से सफाई नहीं हुई है। पीने के पानी की टंकी में कीचड़ जमा है और कीड़े पड़े हुए हैं। पूरे परिसर में गंदगी का आलम है।

सफाई की व्यवस्था की जाएगी —

हम तत्काल दिखवाते हे अगर अस्पताल में ऐसी स्थिति है तो यह गलत बात है, स्पताल में स्वच्छता बनी रहनी चाहिए। यदि ऐसा नहीं तो प्रबंधन से इस संबंध में जवाब मांगा जाएगा। नियमित साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। एन के गहलोत, CMHO धार। 

संपादक- श्री कमल गिरी गोस्वामी

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