जिला चिकित्सालय में सेवारत डॉक्टर पर लग चुके हैं कई बार आरोप, हो चुकी है FIR.
धार। जिला चिकित्सालय के डॉक्टर स्त्री रोग विशेषज्ञ नीरज बागडे अभी भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे है, चार-पांच रोज पहले भी जिला चिकित्सालय से एक महिला को निजी चिकित्सालय मैं ले जाने का मामला संज्ञान में आया है।
आपको बता दे कि डॉक्टर के संपर्क सूत्र आज भी जिला चिकित्सालय में कार्य कर रहे हैं। इतना ही नहीं डॉक्टर की पत्नी भी पैथोलॉजिस्ट के रूप में जिला चिकित्सालय में कार्यरत हैं। इससे यह साफ जाहिर होता है कि जिला चिकित्सालय से मरीजों को निजी चिकित्सालय में पैसों के लालच के लिए भेजा जा रहा है।
जबकि जिला चिकित्सालय किसी भी प्रकार से स्वास्थ्य सेवाओं में पीछे नहीं हैं। सभी प्रकार के स्वास्थ्य सेवाएं एवं कुशल डॉक्टर जिला चिकित्सालय में मौजूद हैं। इसके बाद भी डॉक्टर नीरज बागडे जिला चिकित्सालय से प्रसूता महिला मरीजों को निजी चिकित्सालय में ले जाकर ऑपरेशन करते हैं।
ऐसा ही मामला 4 से 5 दिवस पूर्व आया जिसमें एक महिला को निजी चिकित्सालय में भर्ती करना था। बात यह थी कि निजी चिकित्सालय में महिला को ले जाते समय डॉक्टर के रेफरेंस का मामला सामने आ गया। इस बात को लेकर डॉक्टर और चिकित्सालय के बीच कहा सुनी एवं अनबन के चलते मरीज के परिजन उसे इंदौर ले गए। डॉक्टर के साथ यह कहावत चरितार्थ हो गई की “अब पछताए होत क्या ? जब चिड़िया चुग गई खेत”
डॉक्टर अपने निजी स्वार्थ के लिए जिला चिकित्सालय से मरीज को निजी चिकित्सालय में ले जाने की तैयारी में था और मरीज के परिजन उसे ले गए इंदौर। डॉक्टर नीरज बागडे फिर मुंह ताकते रह गए। यह उस प्रकरण की याद दिलाता है जब एक आदिवासी महिला को डॉक्टर नीरज बागडे एवं उनके भाई धार के ससत्यसाईं हॉस्पिटल में ऑपरेशन के लिए ले गए थे और मध्य रात्रि में महिला को नॉर्मल डिलीवरी हो गई थी, ऐसी ही घटना यह भी घटित हुई।
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